अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आदिवासी सेंगल अभियान द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखान मुर्मू के नेतृत्व में भारत बंद का ऐलान करते हुए टाटा -हाता मुख्य मार्ग को जाम कर दिया गया, इतना ही नहीं मांगे पूरी नहीं होने पर अपने आंदोलन को और उग्र करने की चेतावनी दी। आदिवासी सेंगल अभियान द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर देश के 7 राज्यों में आज भारत बंद का आह्वान किया गया है. जमशेदपुर..अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आदिवासी सेंगल अभियान द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखान मुर्मू के नेतृत्व में भारत बंद का ऐलान करते हुए टाटा -हाता मुख्य मार्ग को जाम कर दिया गया.
राष्ट्रीय अध्यक्ष सलखन मुर्मू ने किया नेतृत्व
इसी क्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष सलखन मुर्मू के नेतृत्व में अभियान द्वारा टाटा -हाता मुख्य मार्ग को जाम कर दिया गया,जहां इस जाम की वजह से यातायात पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया, इस जाम से राहगीरों की परेशानी साफ़ देखी गई जानकारी देते हुए सिंगल अभियान के केंद्र संयोजक विवो मुर्मू ने कहा कि 2023 में संताली भाषा को झारखंडी राज्य भाषा, सरना धर्म कोड लागू करने, उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना में सरना धर्म वालों की आबादी 50 लाख से ऊपर थी फिर भी सरना धर्म कोड को लागू नहीं किया गया, संताली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है उसे झारखंड का प्रथम राज्य भाषा घोषित किया.
आदिवासी सेंगल अभियान द्वारा विभिन्न मांगों
आदिवासी सेंगल अभियान द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर देश के 7 राज्यों में आज भारत बंद का आह्वान किया गया है इसी क्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष सलखन मुर्मू के नेतृत्व में अभियान द्वारा टाटा -हाता मुख्य मार्ग को जाम कर दिया गया, जहां इस जाम की वजह से यातायात पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया, इस जाम से राहगीरों की परेशानी साफ़ देखी गई. जानकारी देते हुए सिंगल अभियान के केंद्र संयोजक विवो मुर्मू ने कहा कि 2023 में संताली भाषा को झारखंडी राज्य भाषा, सरना धर्म कोड लागू करने, उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना में सरना धर्म वालों की आबादी 50 लाख से ऊपर थी फिर भी सरना धर्म कोड को लागू नहीं किया गया.
संताली भाषा को प्रथम राज्य भाषा घोषित किया जाए
संताली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है उसे झारखंड का प्रथम राज्य भाषा घोषित किया जाए, कुर्मी और महतो को एसटी का दर्जा दिए जाने का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड आदिवासियों का गढ़ है भगवान बिरसा के सपनों को पूरा करते हुए अबुआ दिसुम अबुआ राज को पुनर्स्थापित करना होगा उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में 30 जून को कोलकाता में पूरे भारतवर्ष से आदिवासियों का एक बड़ा जुटान होगा और अपनी मांगों को लेकर बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे.
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