भोपाल गैस पीड़ितों को अतिरिक्त 7800 करोड़ मुआवजा देने की केंद्र की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले ही पीड़ितों को छह गुणा मुआवजा दिया जा चुका है. केंद्र ने 2010 में क्यूरेटिव पिटीशन के जरिए डाउ से 7800 करोड़ का अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की अपील की थी.
1984 में 2-3 दिसंबर की रात को हुए गैस त्रासदी में 3700 लोग मारे गए थे.यूनियन कार्बाइड कारखाने के 610 नंबर के टैंक में खतरनाक मिथाइल आइसोसायनाइड रसायन था. टैंक में पानी पहुंचने की वजह से तापमान 200 डिग्री तक पहुंच गया. धमाके के साथ टैंक का सेफ्टी वॉल्व उड़ गया. उस समय 42 टन जहरीली गैस का रिसाव हुआ था. अमेरिका की यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन फर्म अब डाउ केमिकल्स के स्वामित्व में है. केंद्र सरकार ने इस राशि की मांग डाउ केमिकल्स से की थी. सुप्रीम कोर्ट ने यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन के पक्ष में फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि RBI के पास रखे 50 करोड़ रुपए का इस्तेमाल पीड़ितों की जरूरत के मुताबिक करे. कोर्ट ने कहा कि सरकार ने दो दशक तक इस ओर ध्यान नहीं दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर इस केस को दोबारा खोला जाता है तो यह यूनियन कार्बाइड के लिए ही फायदेमंद होगा.