सरकार अपने आरक्षण नीति में बदलाव करें सरकार वर्तमान में जीन वर्गों को आरक्षण देती है उसे राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर दे ताकि उनमें सार्वभौम विकास हो सके तभी उन वर्गों का विकास संभव हो सकेगा.
सरकार के कल्याणी कारी योजनाओं का पूर्ण लाभ ब्राह्मणों को मिले तथा ब्राह्मणों से भेदभाव करने वाले अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए. संस्कृत शिक्षा एवं वेद अध्ययन के लिए आधुनिक विद्यालयों की व्यवस्था की जाए.
उपरोक्त विषय माननीय प्रधानमंत्री महोदय से सादर अनुरोध है कि अपने जिम्मेदारी के अनुसार उक्त मांगों के आलोक में अति शीघ्र कार्यवाही करें अन्यथा हम सभी उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे
धारणा को संबोधित करते हुए केंद्रीय महासचिव ने कहा कि कि आरक्षण नीति लगभग 70 वर्षों से लागू है परंतु आज तक उन वर्गों को लाभ नहीं मिल सका जिन्हें आरक्षण की सौगात मिली है अगर लाभ मिला होता तो 70 वर्षों तक यह आरक्षण की व्यवस्था नहीं चलती सरकार की आरक्षण नीति ही गलत है यह उनके विकास की नहीं सिर्फ घटिया राजनीतिक का विषय बनकर रह गई है उन्होंने आगे कहा कि अगर सच में सरकार आरक्षित को विकास चाहती है तो उन्हें आरक्षण के बजाय राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर दे इससे उनमें सर्व मॉम विकास हो सकेगा बिहार प्रदेश संयोजक रुस्तम पांडे जी ने कहा कि घटिया आरक्षण नीति के कारण सरकारी कार्यालय में प्राधिकारी और कर्मचारी भी ब्राह्मणों को गिरना की दृष्टि से देखते हैं अतः अधिकारियों को चिन्हित कर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए भारत सरकार
ब्राह्मण सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए कोई प्रयास करता है तो पदाधिकारी से इतना परेशान कर देते हैं कि वह आगे ऐसी योजनाओं का लाभ लेने से तौबा करने लगते हैं कार्यालय में जाते हैं वहां भी ब्राह्मणों को अपमान सामना करना पड़ता है आवेदन पत्र लेने वाले कर्मचारी पत्र लेने के बजाय कोई न कोई बहाना बनाकर टरकाने लगते हैं धरना के उपरांत भारतीय ब्राह्मण सेवा संघ की कार्यकर्ताओं ने भी श्रीमान जिला अधिकारी के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री जी को अपनी मांगों को समर्थन तीन सूत्री मांगों को प्रस्तुत किया धरना में कृष्ण मुरारी गिरी अनिल पांडे लक्ष्मी नारायण पांडे पंकज पांडे अविनाश पांडे अनिल पांडे विनोद पांडे संतोष कुमार पांडे ए एकता पांडे डॉक्टर शिव कुमार पांडे राजनीतिक पांडे राम लखन पांडे बृजेश पांडे विरमानी पांडे इत्यादि ने संबोधित किया