बिहार में पिछले तीन दिनों से आंधी-तूफान और बारिश ने भीषण तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा में 60 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, और सैकड़ों किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। सिवान जिले के बसंतपुर थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना ने सभी को झकझोर दिया, जहां एक विशाल बरगद का पेड़ घर पर गिरने से 10 वर्षीय प्रिंस कुमार की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना समरदह गांव में घटी, जहां अचानक तेज आंधी-तूफान के कारण पेड़ उखड़कर घर की दीवार पर गिरा और मासूम प्रिंस इसके मलबे में दब गया। इस त्रासदी ने गांव को शोकमग्न कर दिया है, और परिजनों का हाल बेहद खराब है।
गांववालों ने बताया कि तूफान इतनी तीव्र था कि कई घरों को नुकसान पहुंचा और बड़ी संख्या में पेड़-पौधे उखड़ गए। प्रशासन ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है और पीड़ित परिवार को राहत देने का आश्वासन दिया है। हालांकि, ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। फसल बर्बाद होने से किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है, जिससे उनकी परेशानियां और बढ़ गई हैं।
इस आपदा ने न केवल परिवारों को क्षति पहुंचाई है, बल्कि बिहार के गांवों में आपदा प्रबंधन और सुरक्षा उपायों की कमी को भी उजागर किया है। प्रशासन से यह अपेक्षा की जा रही है कि पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ सुरक्षित भविष्य के लिए बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में आपदाओं से निपटने के लिए जागरूकता और संसाधनों की आवश्यकता है, ताकि ऐसी दुखद घटनाओं को कम किया जा सके। मृतक प्रिंस की दुखद मौत ने पूरे गांव में एक गहरी छाप छोड़ी है, और इस घटना ने प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के प्रति गंभीरता दिखाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।