वक्फ संशोधन बिल को लेकर संसद में भारी विवाद छिड़ गया है। लोकसभा में बिल पास होने के बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने इसे संविधान पर “खुला हमला” करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार समाज को “स्थायी ध्रुवीकरण” की स्थिति में रखना चाहती है। सोनिया गांधी ने कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में कहा कि यह बिल लोकसभा में “बुलडोज़” किया गया और इसे संविधान के खिलाफ बताया। उन्होंने “वन नेशन, वन इलेक्शन” बिल को भी संविधान का अपमान बताते हुए इसका विरोध करने की बात कही।
बीजेपी ने सोनिया गांधी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और उनसे माफी की मांग की। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी ने बीजेपी पर “देश को गर्त में ले जाने” का आरोप लगाया है, जो भारतीय संविधान पर हमला है। इस विवाद के चलते शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। वहीं, कांग्रेस ने वक्फ बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पार्टी जल्द ही इस बिल की संवैधानिकता को अदालत में चुनौती देगी।
राज्यसभा में भी वक्फ संशोधन बिल पर तीखी बहस हुई। विपक्षी दलों ने इसे “संविधान विरोधी” और “अल्पसंख्यक विरोधी” बताया, जबकि सरकार ने इसे “ऐतिहासिक सुधार” करार दिया। बिल को राज्यसभा में 128 वोटों के समर्थन और 95 वोटों के विरोध के साथ पास किया गया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश को “निगरानी राज्य” में बदलने की कोशिश कर रही है।