बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पत्र के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस नेताओं द्वारा इस्तेमाल किए गए अपशब्दों की एक सूची जारी की है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब खड़गे ने राहुल गांधी पर की गई टिप्पणियों के खिलाफ एक पत्र लिखा। नड्डा ने खड़गे के पत्र को राहुल गांधी को फिर से लॉन्च करने का प्रयास बताया और कहा कि कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी के खिलाफ कई बार अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है। इस सूची में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल हैं जिन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया है।
इस मामले पर आलोचकों का कहना है कि यह राजनीतिक खेल का हिस्सा है और दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं। कुछ आलोचकों का मानना है कि इस तरह की बयानबाजी से जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाया जा रहा है। वहीं, सरकार ने इस मामले पर कहा है कि प्रधानमंत्री के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग अस्वीकार्य है और कांग्रेस को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। बीजेपी ने इसे कांग्रेस की असहिष्णुता और राजनीतिक हताशा का प्रतीक बताया है।
राहुल गांधी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी उनके खिलाफ झूठे आरोप लगा रही है और यह सब उनकी छवि खराब करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह जनता के मुद्दों को उठाते रहेंगे और इस तरह की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। जनता ने इस मामले पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। कुछ लोग राहुल गांधी के समर्थन में खड़े हैं और बीजेपी की आलोचना कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे कांग्रेस की रणनीति मान रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई है, जहां लोग अपनी-अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं। कुल मिलाकर, यह मामला भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ ले सकता है और आने वाले दिनों में इसके और भी प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।