झारखंड की नयी शराब नीति से राजस्व का कितना नुकसान हुआ है. इसके आकलन की जिम्मेवारी उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के महाप्रबंधक को दी गयी है. 500 करोड़ रुपये राजस्व की हानि हुई है. राजस्व में हुए नुकसान का आकलन इसी सप्ताह पूरा कर लिया जायेगा. अब तक 1800 करोड़ रुपए का ही राजस्व प्राप्त हुआ है. जबकि, 2300 करोड़ रुपए के राजस्व का लक्ष्य रखा गया था. 15 मार्च से राज्य के खुदरा दुकानों का ऑडिट शुरू होगा. दुकानों के स्टॉक का मिलान किया जाएगा. प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा बैंक गारंटी की राशि जमा नहीं करने को विभागीय मंत्री जगन्नाथ महतो ने गंभीरता से लिया है. 2022-23 के लिए नयी उत्पाद नीति लागू की गयी थी. इसके लिए छत्तीसगढ़ की कंपनी को लगाया गया था. कंपनी को एक करोड़ फीस देने की बात हुई है. लेकिन, कंपनी ने जो दावा किया था उसके अनुरुप राजस्व की वसूली नहीं हुई. सरकार ने एजेंसी पर 44 करोड़ का फाइन भी लगाया है. शराब के थोक कारोबार के लिए निजी कंपनी ओम साईं बिवरेज प्राइवेट लिमिटेड और दिशित वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड का चयन किया गया था.









