रांची : सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड में अपने स्थापना काल से ही विवादो में घिरा हुआ है। भ्रष्टाचार इनका चोली दामन का साथ है। ताजा मामला वहां के मेस को लेकर है। यूनिवर्सिटी के दोनो कैंपस (ब्रांबे और मनातू) में जो मेस चलता है वह विश्वविद्यालय एक प्रभावी व्यक्ति के सांठ गांठ से चलता है। बिना कोई टेंडर या govt के नियम से।
बच्चों से मेस के नाम पर 3600 लिया जाता है वह भी यूनिवर्सिटी एक प्राइवेट पार्टी RRB के नाम पर बिल देती है। साथ ही 400 रुपया( हाउस कीपिंग) के नाम पर लिया जाता है। जिसकी वसूली इसी प्रभावी व्यक्ति अपने गुर्गों के माध्यम से करती है। जो बच्चे इसका विरोध करते हैं, उनको या तो मार पीट के धमका के शांत कर दिया जाता है या सस्पेंड या हॉस्टल से भगा दिया जाता है। एक बार मांडर थाना में केस भी इनके गुर्गों के ऊपर दर्ज हैं।
लेकिन इस महानुभाव का इतना वर्चस्व है कि VC को गलत समझाकर करोड़ों का बंदर बांट करते हैं। अभी हाल में में इनका प्रभाव और मन इतना बढ़ गया की अरगोड़ा थाना में घर कब्जे के प्रयास में इनपर केस भी दर्ज है। खबर है की इनका रसूख इतना है कि रांची के एक प्रभावी संगठन के बड़े अधिकारी को उपकृत करके विश्वविद्यालय में मनमानी करवाते हैं। अभी 2 शिक्षको को टर्मिनेट करने के प्रयास इनकी ही लॉबी कर रही है। जो दोनो शिक्षक विद्यार्थियों के सुख दुख के साथी हैं, इसलिए उनके लिए कांटे हैं। हालांकि एक आरटीआई में विश्वविद्यालय ने मेस चलाने से इंकार किया है।