चेन्नई के पास कवरापेट्टई में शुक्रवार रात को एक भीषण ट्रेन दुर्घटना हुई, जिसमें मायसूर-दरभंगा एक्सप्रेस एक स्थिर मालगाड़ी से टकरा गई। इस दुर्घटना में 12 बोगियां पटरी से उतर गईं और तीन बोगियों में आग लग गई। हादसे के समय ट्रेन में 1,300 से अधिक यात्री सवार थे। इस दुर्घटना में सात लोग घायल हो गए, जिनमें से तीन की हालत गंभीर है। घायलों को स्टेनली मेडिकल कॉलेज अस्पताल और सरकारी अस्पताल, पोननेरी में भर्ती कराया गया है। राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है।
सरकार ने इस दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। रेलवे सुरक्षा आयुक्त ए एम चौधरी ने दुर्घटना स्थल का निरीक्षण किया और दक्षिण रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जांच की। दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक आर एन सिंह ने बताया कि ट्रेन को मुख्य लाइन पर जाना था, लेकिन गलती से यह लूप लाइन पर चली गई, जिससे यह दुर्घटना हुई। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ट्रेन मुख्य लाइन पर क्यों नहीं गई।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना के समय ट्रेन 80 किमी/घंटा की रफ्तार से चल रही थी। इस दुर्घटना के कारण 18 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और कई अन्य ट्रेनों को मार्ग बदलकर चलाया जा रहा है। रेलवे ने इस दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को भी शामिल किया है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ने सभी आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।