झारखंड में चिकन पॉक्स धीरे-धीरे पांव पसार रहा है. सिमडेगा के बाद जमशेदपुर के के धालभूमगढ़ के नरसिंहगढ़ गांव में भी इसी तरह के मामले सामने आये हैं. गांव में चिकन पॉक्स फैलने से ग्रामीण भयभीत हैं. मेडिकल टीम गांव का दौरा कर वस्तुस्थिति को समझ रही है. पिछले बीस दिनों में दो सौ से ज्यादा चिकन पॉक्स के मामले सामने आये हैं.
अंधविश्वास के चक्कर में ना पड़े लोग- सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. जुझार माझी ने बताया कि नरसिंहगढ़ गांव में सर्विलांस विभाग की टीम भेजी गयी है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि चिकन पॉक्स को लेकर झाड़-फूंक के चक्कर में ना पड़े. डॉक्टर से इसका इलाज कराये. हर सीएचसी, पीएचसी और सरकारी अस्पालों में चिकन पॉक्स का मुफ्त इलाज किया जाता है. बदलते मौसम से ऐसी बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है. इस बीमारी को लेकर लोगों को जागरुक करने की भी जरुरत है. चिकन पॉक्स की पहचान है कि इसमें मरीजों को बुखार, उल्टी और कमजोरी महसूस होती है. साथ ही, पूरे शरीर में फोड़े निकलने शुरू हो जाते हैं. मरीज के शरीर में तेज दर्द होता है. लाल दाने निकलने लगते हैं. जिसमें पानी भर जाता है.
आइसोलेशन में रखना जरूरी
चिकन पॉक्स के मरीज को लोगों से अलग रहने की जरुरत है. ताकि, ये बीमारी फैले नहीं.