रांची. प्रदेश में 60-40 नियोजन नीति के विरोध में झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा 72 घंटे का त्रिदिवसीय महाआंदोलन का ऐलान किया गया है। 17 अप्रैल 2023 दिन सोमवार को मुख्यमंत्री आवास का घेराव, 18 अप्रैल 2023 दिन मंगलवार को सभी प्रखंड और जिला मुख्यालय में मशाल जुलूस तथा 19 अप्रैल 2023 दिन बुधवार को सम्पूर्ण झारखंड बंद करने निर्णय लिया गया हैl इसको लेकर झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन झारखंड ने बताया कि 60_40 नियोजन नीति को वापस कर झारखंडी हित में नियोजन नीति लागू करने की मांग को लेकर पिछले चार महीनों से लगातार कई डिजिटल और फिजिकल आंदोलन को एतिहासिक सफल बनाने के बावजूद सरकार द्वारा मांग नहीं माने जाने के कारण बाध्य होकर यह फैसला लिया गया है।
इसको लेकर छात्र नेता देवेन्द्र नाथ महतो ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि 72 घंटे का त्रिदिवसीय महाआंदोलन इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाला है। 17 अप्रैल को मुख्यमंत्री को जगाने के लिए मुख्यमंत्री आवास घेराव को एतिहासिक सफल बनाने के लिए सम्पूर्ण झारखंड से पचास हजार छात्र मोरहाबादी मैदान में एकत्रित होकर अधिकार मार्च करते हुए मुख्यमंत्री आवास घेराव करने का काम करेंगे तथा 19 अप्रैल 2023 के झारखंड बंद को एतिहासिक सफल बनाने के लिए 18 अप्रैल को सम्पूर्ण झारखंड के जिला और प्रखंड मुख्यालय में मशाल जुलूस निकाला जाएगा, जिसमें रांची में जयपाल सिंह स्टेडियम के समक्ष एकत्रित होकर शाम 5 बजे अल्बर्ट एक्का चौक तक मशाल जुलूस निकाला जाएगा तथा 19 अप्रैल 2023 को सुबह से सड़क पर उतरकर झारखंड बंद को एतिहासिक सफल बनाने का काम करेंगे, आकस्मिक सेवा को बंदी से मुक्त रखा जाएगाl
देवेन्द्र नाथ महतो ने कहा कि सरकार से मांग की गयी कि हकमार 60_40 नियोजन नीति को सरकार तत्काल वापस कर झारखंडी हित में नियोजन लागू कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू किया जाए, बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 ई0 के उपधारा 85 के तहत झारखंड सरकार को अधिकार है कि संयुक्त बिहार के समय का कोई भी अध्यादेश, गजट, संकल्प, को अंगीकृत कर सकता है तो इसी अधिकार के तहत बिहार का 3 मार्च 1982 वाला नियोजन नीति जिसका पत्रांक संख्या 5014/81- 806 को अंगीकृत कर बिहार के तर्ज़ पर नियोजन नीति लागू किया जाए तथा नियुक्ति प्रक्रिया शुरू किया जाए, नियुक्ति फॉर्म भरते समय स्थानीय प्रमाण पत्र क्रमांक संख्या अनिवार्य रूप से भरने का प्रावधान किया जाए।
जनसंख्या के अनुपात में सभी वर्गों को जिला स्तर में आरक्षण लागू किया जाए, झारखंड का एक स्पेशल पेपर का प्रावधान किया जाए, जिसमें झारखंड के रीति रिवाज, भाषा संस्कृति, परंपरा का अनिवार्यता किया जाय, राज्य स्तर तथा जिला स्तर के सभी तकनीकी तथा गैर तकनीकी परीक्षा में क्षेत्रीय भाषा का पेपर अनिवार्य किया जाए। मूल झारखंडी छात्रों को पांच वर्ष का उम्र सीमा में विशेष छुट दिया जाए। साथ ही उत्तराखंड के तर्ज़ पर परीक्षा नकल विरोधी कानून लागू किया जाए।