झारखंड के चांडिल प्रखंड के देवलटांड़ गांव में डायरिया का प्रकोप फैल गया है। दूषित पानी और गंदगी के कारण गांव के मुखिया विपिन सिंह मुंडा समेत एक दर्जन से अधिक लोग डायरिया की चपेट में आ चुके हैं। गांव में ब्लीचिंग और डीडीटी का छिड़काव करने की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक सरकारी चिकित्सक गांव में नहीं पहुंचे हैं। गांव के कई लोग गंभीर हालत में हैं और उन्हें इलाज के लिए सिल्ली, रांची और ईचागढ़ के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मुखिया विपिन सिंह मुंडा का इलाज सिल्ली के एक निजी नर्सिंग होम में चल रहा है, जबकि अन्य पीड़ितों का इलाज रांची के रिम्स और ईचागढ़ सीएचसी में हो रहा है।
सरकार ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि जल्द ही चिकित्सा टीम गांव में भेजी जाएगी और प्रभावित लोगों को आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान की जाएगी। अधिकारियों ने यह भी कहा कि दूषित पानी और गंदगी को साफ करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। डॉक्टरों ने लोगों को सलाह दी है कि वे साफ पानी का उपयोग करें और स्वच्छता का ध्यान रखें।
जनता की प्रतिक्रिया भी इस स्थिति को लेकर मिली-जुली रही है। कुछ लोग प्रशासन के राहत कार्यों से संतुष्ट हैं, जबकि कुछ ने समय पर सहायता न मिलने की शिकायत की है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हैं। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि सभी प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द सहायता पहुंचाई जाएगी और स्थिति पर काबू पाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।