- डिजिटल ट्रांजेक्शन का सुरक्षित उपयोग समाज के लिए लाभकारी
- डिजिटल लेनदेन के फायदे और नुकसान पर डिबेट का आयोजन। पक्ष-विपक्ष में प्रतिभागियों ने रखा जोरदार तर्क।
श्री अग्रसेन स्कूल भुरकुंडा में मंगलवार को “डिजिटल लेनदेन के फायदे और नुकसान” विषय डिबेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों में तार्किक सोच, विश्लेषण क्षमता तथा डिजिटल वित्तीय प्रणाली के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। डिजिटल लेनदेन के “फायदे” और “नुकसान” के पक्ष में कुल 22 प्रतिभागियों ने अपने-अपने तर्क को रखा।

फायदे पर पक्ष रखने वाले प्रतिभागियों ने डिजिटल लेनदेन को समय और श्रम की बचत करने वाला, पारदर्शी, कैशलेस समाज की ओर कदम बढ़ाने वाला और भ्रष्टाचार कम करने में सहायक बताया। तर्क दिया कि यूपीआई, इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट-क्रेडिट कार्ड और डिजिटल वॉलेट जैसे साधनों ने आर्थिक लेनदेन को आसान, तेज और सुरक्षित बनाया है। किसी को दूरस्थ स्थान पर तुरंत पैसा भेजना हो तो कुछ सेकंड में यह कार्य हो जाता है, जिससे व्यवसाय, शिक्षा और आपातकालीन परिस्थितियों में बड़ी सुविधा मिलती है।
दूसरी ओर, नुकसान पक्ष पर प्रतिभागियों ने डिजिटल लेनदेन के जोखिमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने साइबर धोखाधड़ी, डाटा चोरी, तकनीकी खराबी, नेटवर्क समस्या और इंटरनेट पर अत्यधिक निर्भरता जैसे मुद्दे को उठाया। यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां इंटरनेट सुविधा सीमित है, डिजिटल भुगतान करना कठिन है। वहीं, तकनीकी जानकारी की कमी और हैकिंग के मामलों ने भी लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा की है।
बहस के दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के तर्कों का जवाब देते हुए कई महत्वपूर्ण पहलुओं को सामने रखा। कहा कि उचित साइबर सुरक्षा उपाय अपनाकर और लोगों को डिजिटल साक्षर बनाकर जोखिमों को कम किया जा सकता है। वहीं दूसरी टीम ने कहा कि जब तक तकनीकी ढांचा और साइबर सुरक्षा मजबूत नहीं होगी, तब तक डिजिटल लेनदेन पर पूरी तरह निर्भर रहना खतरनाक हो सकता है।प्रतिभागियों ने अपने पक्ष को मजबूत करने के लिए वास्तविक उदाहरण, सांख्यिकीय आंकड़े और विभिन्न घटनाओं का हवाला भी दिया। डिबेट में उन्नति सिंह, कनिष्क राज, अंशु गुप्ता, श्रेया श्री, अदिति कुमारी, आदित्य कुमार, श्रावणी कौशल, इशांत सिंह, शाम्भवी सिन्हा, मो अनस, कौशिकी सिंह, विद्या यादव, अनिक अश आदि ने बेहतरीन प्रदर्शन किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि एसबीआई लपंगा शाखा के प्रबंधक उपेंद्र प्रसाद ने कहा कि डिजिटल लेनदेन आज के समय की आवश्यकता है। लेकिन इसका सुरक्षित और जिम्मेवारी पूर्वक उपयोग ही समाज के लिए लाभकारी हो सकता है। सरकार और वित्तीय संस्थानों को मिलकर लोगों में साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने और तकनीकी ढांचे को और मजबूत बनाने की जरूरत है।
एचडीएफसी पतरातू शाखा के मैनेजर अभिषेक चौधरी ने साइबर फ्रॉड के मामलों का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि सावधानीपूर्वक ट्रांजेक्शन करें, तो यह हमारे रोजमर्रा की बैंकिंग जरूरतों को पूरा करने में एक क्रांतिकारी माध्यम है। उन्होने किसी भी अनजान लिंक या ईमेल पर क्लिक नहीं करने, अपनी निजी जानकारी जैसे एटीएम कार्ड नम्बर, पिन, सीवीवी व ओ.टी.पी किसी भी परिस्थिति में साझा नहीं करने की बात कही।
स्कूल के निदेशक प्रवीण राजगढ़िया ने कहा कि ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों का दृष्टिकोण व्यापक बनता है। वे मुद्दों के दोनों पहलुओं को समझते हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित होते हैं। डिबेट का संचालन कुमुल कुमार ने किया।
रिपोर्ट:- कुमार मिश्रा










