आज दिनांक 10 सितंबर को Dr. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के विद्यार्थियों के साथ विश्वविद्यालय के कुलपति Dr. तपन कुमार शांडिल्य ने संवाद और विमर्श कार्यक्रम किया। इस दौरान उन्होंने स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के प्रथम और अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के साथ इतिहास विषय की बारीकियों पर चर्चा करने के साथ महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक युद्धों, ऐतिहासिक तिथियों और संकल्पनाओं के विषय में विद्यार्थियों के साथ गहन संवाद किया। अपने विमर्श के क्रम में कुलपति Dr. तपन कुमार शांडिल्य ने प्रसिद्ध चीनी दार्शनिक कन्फ्यूशियस की उक्ति को सामने रखते हुए कहा कि, स्वयं को परिभाषित करने के लिए इतिहास को जानना और पढ़ना आवश्यक है।
उन्होंने महात्मा गांधी के विचारों और दर्शन को विस्तार से समझाने के दौरान उनके ट्रस्टशिप सिद्धांत को समझाया और कहा कि आज के संदर्भ में यह काफी प्रासंगिक है। उन्होंने विद्यार्थियों से प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध पर संवाद करते हुए उसके तात्कालिक कारणों और परिणामों की चर्चा की। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में इतिहास विषय की महत्ता से अवगत कराया। इस अवसर पर इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. राजेश कुमार सिंह, विभागीय शिक्षिका हनी कुमारी, पुष्पा कुमारी, शुभ्रा लकड़ा के अलावा रवि प्रकाश, दीप्ति गौरव और मितेश के साथ स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के विद्यार्थियों की उपस्थिति रही।