रांची: लगातार बढ़ते आपराधिक हमले और अपनी कई मागों को लेकर चिकित्सक हड़ताल पर हैं. इसको लेकर सूबे में सियासत भी तेज है. विपक्ष ने जहां सत्ताधारी दलों से जुड़े लोगों पर ही डॉक्टर्स के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है, तो वहीं सत्ताधारी दल का मानना है कि कुछ डॉक्टर्स राजनीति कर रहे हैं, इससे डॉक्टरों को परहेज करना चाहिए. बजेपी विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के मंत्री के लोगों के द्वारा गढ़वा में डॉक्टर को पीटा जाता है और जान से मारने की धमकी दी जाती है, जामताड़ा में भी घटना होती है.
चिकित्सकों को राजनीति से बचना चाहिए
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि वह कोई चोर नहीं की डॉक्टर्स के मामले पर चुप्पी साधे रहेंगे, निश्चित तौर पर डॉक्टर पर हमला हुआ है. इसकी निंदा करते हैं, पुलिस जांच कर रही है और अपराधियों को सजा मिलेगी. उन्होंने कहा कि क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट को सरल करने पर विचार कर रहे हैं और मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट पर भी विचार हो रहा है, लेकिन कुछ ऐसे चिकित्सक है, जो सरकार के साथ मिलकर इससे आगे बढ़ाने का प्रयास नहीं कर रहे हैं, बल्कि राजनीति करना चाह रहे हैं.
डॉक्टर्स के साथ मरीजों की हित की भी बात हो
कांग्रेस विधायक डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि स्ट्राइक से कई लोगों की जान जा सकती है. हालांकि उन्होंने भी कहा कि कुछ डॉक्टर नेतागिरी करते है. माले विधायक विनोद सिंह ने कहा सिर्फ चिकित्सक ही क्यों मरीजों के हित को भी ध्यान में रख कर बिल बनाने की जरुरत है.