EY इंडिया की पुणे शाखा में कार्यरत 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट अन्ना सेबेस्टियन पेराइल की दुखद मृत्यु ने पूरे देश में गहरा शोक और चिंता उत्पन्न की है। अन्ना की मृत्यु 20 जुलाई 2024 को अत्यधिक कार्यभार के कारण हुई, जब वह अपने घर लौटने के बाद अचानक बेहोश हो गईं और अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना के बाद, EY इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी ने गहरा शोक व्यक्त किया और अंतिम संस्कार में अनुपस्थित रहने पर खेद जताया। उन्होंने कहा कि यह घटना कंपनी की संस्कृति के विपरीत है और भविष्य में ऐसा कभी नहीं होगा। उन्होंने कर्मचारियों के कल्याण और एक सामंजस्यपूर्ण कार्यस्थल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
भारत में हाल के समय में कार्यस्थल पर तनाव और अत्यधिक कार्यभार के कारण कई घटनाएं सामने आई हैं। अन्ना की मृत्यु ने इस मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया है। केंद्र सरकार ने EY में “असुरक्षित और शोषणकारी कार्य वातावरण” की जांच शुरू कर दी है। केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जाएगी और न्याय सुनिश्चित किया जाएगा। इस घटना ने कार्यस्थल पर तनाव और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि कार्यस्थल पर तनाव को कम करने के लिए कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्य परिस्थितियों और मानसिक स्वास्थ्य समर्थन की व्यवस्था करनी चाहिए।
अन्ना की मां, अनीता ऑगस्टीन, ने एक भावुक पत्र में कंपनी पर अपनी बेटी की मृत्यु का आरोप लगाया और कहा कि अन्ना अत्यधिक कार्यभार के कारण तनाव और चिंता से जूझ रही थी। इस पत्र ने सोशल मीडिया पर व्यापक प्रतिक्रिया उत्पन्न की और लोगों ने अन्ना की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया। अन्ना के परिवार ने न्याय की मांग की है और कहा है कि वे इस मामले में पूरी जांच चाहते हैं। इस घटना ने न केवल EY बल्कि अन्य कंपनियों को भी अपने कार्यस्थल की नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।