फल और सब्जियां बड़े फायदेमंद होती हैं. हर किसी को इनका सेवन करना चाहिये. ये शरीर में कई तरह की विटामिन और आयरन की कमी को पूरी करती हैं. फलों और सब्जियों के पोषक तत्व बच्चों की बॉड और मेंटल डेवलपमेंट के लिये काफी अहम हैं. छोटे बच्चे जैसे ही खाने की शुरुआत करते हैं उन्हें सब्जियों के साथ फलों को भी कई रुप में दिया जाने लगता है. खासकर फलों के रस पिलाए जाने लगते हैं. लेकिन आपको पता होना चाहिये कि छोटे बच्चों को किस उम्र में फ्रूट जूस देना शुरु करना चाहिये.
एक साल से पहले फ्रूट जूस ना दें
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (AAP) के मुताबिक, 12 महीने यानी की एक साल से कम उम्र के बच्चों को फलों का जूस नहीं देना चाहिए. क्योंकि उससे उन्हें कोई फायदा नहीं मिलता है. फलों के जूस में प्राकृतिक चीनी पाई जाती है, 12 महीने से कम उम्र के बच्चों को अगर फ्रूट जूस दिया जाता है, तो ये उनके शरीर पर किसी तरह का असर नहीं दिखाता है. 1 साल के बाद बच्चों को प्रतिदिन 60 से 120 मिली फ्रूट जूस देना सेहत के लिए अच्छा है. 1 साल के बाद बच्चों को गाजर, चुकंदर, सेब, गाजर, संतरा और अंगूर का जूस दे सकते हैं. इन फलों के जूस में विटामिन सी और फाइबर पाया जाता है, जो बच्चों के इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग बनाने में मदद करता है.