- उप विकास आयुक्त ने SIS प्रशिक्षण केंद्र बेलचंपा में सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग का दूसरे चरण का किया शुभारंभ
उप विकास आयुक्त पशुपतिनाथ मिश्रा द्वारा आज से SIS प्रशिक्षण केंद्र बेलचंपा में दूसरे चरण सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग का शुभारंभ किया गया। देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए और देश के आम नागरिकों को जागरूक करने के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय सिविल डिफेंस के द्वारा SIS लिमिटेड के साथ एमओयू साइन किया है, जिसके तहत पूरे भारतवर्ष के 244 जिलों में तैनात SIS के ऑफिसर्स और सुपरवाइजर, ट्रेनर और जवानों को सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी, जो भारत सरकार के सिविल डिफेंस के विभाग और NDRF के निर्देशानुसार दी जा रही है। इसकी दूसरे चरण के बैच की शुरुआत झारखंड के बेलचंपा गांव में SIS के प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण का शुभारंभ आज से हुआ जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उप विकास आयुक्त पशुपतिनाथ मिश्रा और NDRF के डिप्टी कमांडेंट संतोष यादव की उपस्थिति हुई। इस कार्यक्रम में NDRF के इंस्पेक्टर सूरज कुमार और सब इंस्पेक्टर विकास कार्तिक तथा NDRF के सहयोगी प्रशिक्षक तथा SIS बेलचंपा, गढ़वा के ग्रुप कमांडर रमेश जसवाल, असिस्टेंट कमांडेंट सुनील प्रसाद, असिस्टेंट कमांडेंट कपिल शर्मा शामिल थें। मुख्य अतिथि के द्वारा शहीद स्थल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई और परेड की सलामी ली गई। परेड में शामिल सभी ट्रेनिंग ऑफिसर और जवानों को सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग के महत्व के बारे में बताया गया और सभी जवानों का हौसला का कार्य किया गया। दीप प्रज्वलित कर सिविल डिफेंस ट्रेनिंग की शुरुआत की गई। SIS के ग्रुप कमांडर रमेश कुमार जसवाल ने यह जानकारी दी कि यह प्रोग्राम 9 BN NDRF BIHTA PATNA द्वारा चलाया जा रहा है। सिविल डिफेंस के सहयोग से NDRF द्वारा ट्रैनिंग दिया जा रहा है, जिसका उद्देश्य युद्ध के समय या आपदा के समय मिल जुल कर काम किया जाए और लोगों को जागरूक किया जाए, जिससे जानमाल के नुकसान से बचाया जा सके। सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग देने का मुख्य उद्देश्य यह है कि भारत देश की आंतरिक सुरक्षा के उद्देश्य से जितने भी ऑफिसर, सुपरवाइजर, सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, सबसे पहले उनको ट्रेंड करना, उसके बाद आम नागरिक को जागरूक करके उनको प्रशिक्षित करना ताकि आपातकालीन स्थिति में कम से कम नुकसान से बचा जाए और आपदा के समय एक प्रभावी तरीके से निपटा जा सके। साथ ही लोगों की जान को बचाया जाए। जैसे- एयर स्ट्राइक, बम अटैक, केमिकल और न्यूक्लियर अटैक, फायर फाइटिंग, फर्स्ट एड हाई राइजिंग बिल्डिंग रेस्क्यू, UXB के दौरान बचाव इत्यादि विषयों की ट्रेनिंग देकर सभी 3 लाख से ऊपर कर्मचारी और अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।











