◆ उपायुक्त ने जनता दरबार के माध्यम से सुनी आमजनों की समस्याएं
◆ प्राप्त शिकायतों के समाधान हेतु संबंधित पदाधिकारी को किया गया निदेशित
उपायुक्त, गढ़वा दिनेश कुमार यादव ने आज समाहरणालय स्थित सभागार में जनता दरबार का आयोजन किया। जनता दरबार में आए फरियादियों की समस्याएं बारी-बारी से सुनी गई एवं उसके निष्पादन हेतु उपायुक्त ने संबंधित पदाधिकारी को निर्देश दिया। आज के जनता दरबार में राशन, पेंशन, भूमि विवाद, अवैध कब्जा, आवास, मुआवजा, योजनाओं का लाभ, अतिक्रमण, रोजगार सृजन, बकाया मजदूरी भुगतान, अनुकम्पा पर नौकरी समेत अन्य समस्याओं को लेकर उपस्थित हुए ग्रामीणों की बारी-बारी से उपायुक्त द्वारा समस्या सुनी गई एवं यथाशीघ्र उनके समस्याओं के निराकरण करने हेतु संबंधित पदाधिकारियों को निदेशित किया गया।
सर्वप्रथम चिनिया प्रखंड के डोल निवासी दीपक कुमार रवि ने आवेदन समर्पित करते हुए मनरेगा योजना के तहत उन्हें स्वीकृत गाय एवं बकरी सेड निर्माण कार्य चालू कराने का अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 में मनरेगा के तहत उनका एवं उनकी माता सिपाती कुंवर के खेत में गाय पक्का फर्श एवं बकरी सेड निर्माण की स्वीकृति मिली थी। इसके तहत 128 गाय पक्का फर्श एवं बकरी सेड की स्वीकृति में 18 गाय पक्का फर्श एवं बकरी सेड के लिए पैसा भुगतान हो चुका है एवं शेष कार्य बाकी है। इस योजना के अंतर्गत फिर से वर्ष 2024 25 के डिमांड हेतु प्रखंड चिनिया में आवेदन दे चुके हैं परंतु अभी तक कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई है। अतः उन्होंने उपरोक्त योजना को चालू कराने का अनुरोध किया है। चिनिया प्रखंड के डोल निवासी सोनामती कुंवर आवेदन देते हुए अपने रैयती भूमि पर कब्जा दिलाने हेतु अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि 11 नवंबर 2022 को उपायुक्त न्यायालय से उनकी रैयती भूमि पर दो सप्ताह के अंदर कब्जा दिलाने हेतु आदेश पारित है। परंतु अभी तक अनुपालन की प्रक्रिया लंबित है।सदर प्रखंड के करुआकलां निवासी आभा देवी, पति- सुदर्शन तिवारी ने ग्राम गिजना के जितेंद्र तिवारी, पिता स्वर्गीय बसंत तिवारी पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि जितेंद्र तिवारी द्वारा उन्हें वर्ष 2015 में भूमि बिक्री की गई थी।परन्तु उसी बिक्री किए गए भूमि को पुनः विक्रेता जितेंद्र तिवारी द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को बिक्री कर दी गई। इसके एवज में वादानुरूप क्रेता आभा देवी को न तो पैसे वापस किये गयें और न ही भूमि खाली कराई गई। उन्होंने उपायुक्त से उचित कानूनी कार्रवाई करते हुए भूमि खाली कराने अथवा पैसा वापस दिलाने का आग्रह किया है।
एक अन्य मामले में ध्रुव कुमार, पिता दिवाकर प्रसाद, निवासी वार्ड नं. 3, ऊंचरी, गढ़वा ने आवेदन समर्पित कर बताया कि आरसीआईटी कॉलेज, विश्रामपुर पलामू द्वारा उन्हें उनका मूल प्रमाण-पत्र वापस नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वे आरसीआईटी कॉलेज, विश्रामपुर पलामू में सत्र 2023-27 में बी.टेक (कंप्यूटर साइंस) पाठ्यक्रम में नामांकित हुए थें। एक वर्ष तक पढ़ाई की, लेकिन व्यक्तिगत कारणों से उन्हें यह कोर्स छोड़ना पड़ा। प्रवेश के समय कॉलेज ने उनके मूल प्रमाण-पत्र मांगे थें। उनसे प्रमाण-पत्र के रूप में 10वीं की अंकपत्र और प्रमाणपत्र, 12वीं की अंकपत्र और प्रमाणपत्र, स्थानांतरण प्रमाणपत्र (TC), चरित्र प्रमाणपत्र, माइग्रेशन प्रमाणपत्र मांगे थें। परन्तु अब जब उनके द्वारा कॉलेज से अपने मूल दस्तावेज़ वापस मांगे गयें तो कॉलेज प्रशासन ने यह कहकर मना कर दिया कि जब तक वे चार वर्षों की पूरी फीस नहीं जमा करतें, तब तक दस्तावेज़ नहीं दिए जाएंगे। उन्होंने उपायुक्त से इस मामले की जांच कराने और कॉलेज प्रशासन को उनके मूल प्रमाण-पत्र बिना किसी दबाव या शर्त के तत्काल वापस कराने हेतु निदेशित करने का निवेदन किया। उक्त मामले को संज्ञान में लेते हुए उपायुक्त श्री यादव ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को स्पष्ट रूप से निदेशित किया है कि कोई भी शैक्षणिक संस्थान छात्रों के मूल दस्तावेज़ को रोक नहीं सकती तथा बिना किसी शर्त या दबाव के छात्रों का मूल प्रमाण पत्र एवं आवश्यक दस्तावेज वापस करना सुनिश्चित करेंगे।
इस प्रकार बारी-बारी से लोगों ने अपनी-अपनी विभिन्न प्रकार की समस्याओं को उपायुक्त के समक्ष रखा। आज के जनता दरबार में आमजनों के विभिन्न समस्याओं से संबंधित मामले प्राप्त हुए, प्राप्त शिकायतों के समाधान हेतु उपायुक्त श्री यादव द्वारा संबंधित पदाधिकारीयों को आवश्यक कार्रवाई हेतु निर्देशित किया गया।