● उपायुक्त की अध्यक्षता में राजस्व विभाग की जिला स्तरीय समीक्षात्मक बैठक संपन्न, दिए गए आवश्यक दिशा निर्देश
● राजस्व संबधित कार्यों को निर्धारित समय सीमा के अंदर करें पूर्ण- उपायुक्त
● भूमि विवाद से संबंधित सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारियों को दिए गए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश
समाहरणालय गढ़वा स्थित सभागार में उपायुक्त दिनेश यादव की अध्यक्षता में राजस्व विभाग से संबंधित कार्यों की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक सम्पन्न किया गया। बैठक में मुख्य रूप से दाखिल-खारिज, राजस्व संग्रहण, भूमि सीमांकन, सर्टिफिकेट इश्यू, लैंड ट्रांसफर, नामांतरण, लैंड डिस्प्यूट के मामले, भू-अर्जन, अतिक्रमण समेत अन्य कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक के प्रारंभ में उपायुक्त द्वारा विभिन्न अंचलों से प्राप्त अद्यतन प्रतिवेदन के आधार पर बिंदुवार समीक्षा किया गया। दाखिल-खारिज संबंधित मामलों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने जिले के विभिन्न अंचलों को 30 दिनों के अंदर दाखिल-खारिज के मामले का निष्पादन अनिवार्य रूप से करने का निर्देश दिया। किसी भी आवेदन को बिना किसी कारण 30 या 90 दिनों तक लंबित नही रखने का निर्देश दिया गया। अंचल कार्यालय से निर्गत होने वाले विभिन्न प्रमाण पत्रों को लेकर भी उपायुक्त ने प्राथमिकता के आधार पर प्रमाण पत्र निर्गत करने की बात कही। समीक्षा के दौरान प्रतिवेदन के अनुसार पोर्टल पर राजस्व संबंधी विभिन्न कार्यों से जुड़े मामलों की समीक्षा के क्रम में कई आवेदन लंबित पाए गए, जिसका निष्पादन अनिवार्य रूप से करने का निर्देश दिया गया। लैंड ट्रांसफर की समीक्षा करते हुए विभिन्न योजनाओं तहत यथा- कोल्ड स्टोरेज, लैंप्स/पैक्स इत्यादि निर्माण कार्यों के लिए भूमि चिन्हित कर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। भूमि सीमांकन हेतु प्राप्त आवेदनों पर अमीन भेजकर तय समय पर भूमि सीमांकन करने का निर्देश दिया गया। कुछ कार्यों में पेंडेंसी को लेकर उपायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी अंचल अधिकारी एवं उनके अधीनस्थ कर्मियों को सक्रिय होकर कार्य करने का निर्देश दिया। उपायुक्त ने कहा कि कोई भी कार्य जानबूझकर लंबित न रखें। मामलों का निष्पादन तय समयसीमा एवं प्राथमिकता के आधार पर करें। राइट टू सर्विस एक्ट के तहत उपायुक्त द्वारा सभी पेंडिंग कार्यों यथा- म्यूटेशन, डीमार्केसन, सर्टिफिकेट इश्यू, डिस्प्यूट लैंड इत्यादि को ससमय निष्पादित करने का निर्देश दिया गया। राजस्व संग्रहण से संबंधित विभागों द्वारा उपलब्ध कराए गए अध्यतन प्रतिवेदन के समीक्षोपरान्त सक्रियता बढ़ाते हुए शत-प्रतिशत राजस्व संग्रहण करने हेतु निदेशित किया गया। अपेक्षाकृत पुअर परफॉर्मेंस प्रदर्शित करने वाले अंचल अधिकारियों एवं संबंधित पदाधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त की गई एवं बैठक के दौरान अनुपस्थित पाए गए पदाधिकारियों को शो-कॉज करने की बात कही गई।

भूमि विवाद से संबंधित मामलों के निबटारे हेतु उपायुक्त श्री यादव द्वारा सभी अंचल अधिकारियों एवं अनुमंडल पदाधिकारियों समेत संबंधित पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश निर्गत किया गया। इस दौरान अंचल अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि प्रत्येक माह के 15 तारीख (अवकाश की स्थिति में 14 तारीख) को अपराह्न 11:00 बजे से अंचल परिसर में सभी अंचल अधिकारी एवं सभी थाना प्रभारी अंचल दिवस का आयोजन करेंगे। इसी प्रकार प्रत्येक माह के 30 तारीख (अवकाश की स्थिति में 29 तारीख) को अपराह्न 11:00 बजे से थाना परिसर में सभी अंचल अधिकारी एवं सभी थाना प्रभारी थाना दिवस का आयोजन करेंगे। भूमि सीमांकन हेतु प्राप्त आवेदन/शिकायत पर त्वरीत संज्ञान लेते हुए अविलंब कार्रवाई करेंगे। जो मामले न्यायालय में लंबित नहीं है वैसे मामलें में आवश्यकता पड़ने पर संबंधित अनुमण्डल पदाधिकारी से भूमि सीमांकन हेतु दण्डाधिकारी तथा पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति कराने हेतु नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे। सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत प्राप्त होने के उपरांत त्वरित कार्रवाई करते हुए सरकारी भूमि का मापी कर उसका सीमांकन कराते हुए अतिक्रमण की स्थिति में सार्वजनिक अतिक्रमण अधिनियम (Public Encroachment Act.) के तहत अविलंब कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे। लगान अपडेशन/त्रुटि सुधार हेतु प्राप्त आवेदन पर नियमानुसार अविलंब आवश्यक कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे। इस संबंध में प्रत्येक माह जिला स्तर पर इसकी समीक्षा की जायेगी। प्रत्येक माह के हर मंगलवार को अपराह्न 11:00 बजे से सभी अंचल अधिकारी जन सुनवाई करना सुनिश्चित करेंगे। नामांतरण हेतु प्राप्त आवदनों में विवादित मामलों में जाँचोपरांत यदि स्पष्ट रूप से भूमि से संबंधित कागजात एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज की उपलब्धता अथवा दस्तावेज से संतुष्ट नहीं होने या वैसे मामले जिसमें दखल कब्जा से संबंधित विवाद उत्पन्न हाने की परिस्थिति में भूमि का नामांतरण नहीं करेंगे। अनुमण्डल पदाधिकारी के द्वारा धारा-144 (BNSS-163) के मामलों में मांग की जाने वाली प्रतिवेदन को सभी अंचल अधिकारी अविलंब उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। भूमि के दखल कब्जा को लेकर विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने से संबंधित आवेदन प्राप्त होने या अंचल अधिकारी/थाना प्रभारी के संज्ञान में आने पर सभी अंचल अधिकारी एवं थाना प्रभारी स्वयं संज्ञान में लेते हुये भारतीय न्याय सेवा संहिता (BNSS) की सुसंगत धारा अंतर्गत संबंधित अनुमण्डल पदाधिकारी के माध्यम से त्वरित उचित कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे। उत्तराधिकार/आपसी बटवारा के आधार पर नामांतरण को प्रोत्साहित करने हेतु आमजनों की बीच उक्त के संबंध में सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सहुलियत का अपने-अपने अंचल में व्यापक प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करेंगे।

इसी प्रकार सभी अनुमण्डल पदाधिकारी को उनके दायित्वों से अवगत कराते हुए कहा कि धारा-144 (BNSS-163) के प्राप्त आवेदनों में नियमानुसार त्वरित कार्रवाई करते हुए आवश्यक होने पर धारा-144 (BNSS-163) लगवाना सुनिश्चित करेंगे। धारा-107 (BNSS-126), धारा-133 (BNSS-152), धारा-144 (BNSS-163) से संबंधित प्राप्त आवेदनों को क्रमवार पंजी में दर्ज करेंगे, साथ ही प्राप्त शिकायत के निष्पादन एवं लंबित मामलों की सूचना विहित प्रपत्र में जिला स्तर पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। CrPC (BNSS) की धारा अन्तर्गत अनुमण्डल पदाधिकारियों द्वारा किये गये आदेश की उल्लंघन से संबंधित शिकायत प्राप्त होने पर अविलंब संबंधितों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराना सुनिश्चित करेंगे। सभी अनुमण्डल पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्राधिकार में पड़ने वाले क्षेत्र में सभी सरकारी भूमि पर से अतिक्रमण को अतिक्रमण मुक्त कराना सुनिश्चित करेंगे।
इस जिला स्तरीय राजस्व विभाग की समीक्षात्मक बैठक में मुख्य रूप से अपर समाहर्ता राज महेश्वरम, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी संजय प्रसाद, भूमि सुधार उपसमाहर्ता गढ़वा रविश राज सिंह, भूमि सुधार उपसमाहर्ता रंका प्रमेश कुशवाहा, सभी अंचल अधिकारी समेत अन्य संबंधित
पदाधिकारी उपस्थित थें।










