Gay marriage : हमीरपुर के जरिया थाना क्षेत्र के जिटकिरी गांव की एक युवती अपने मामा के घर रहती थी। मामा के घर के सामने वाले घर की एक लड़की से दोस्ती हो गई। दोनों की बातचीत होने लगी। दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हुई।
एक-दूसरे से करने लगे मोहब्बत
दोनों के बीच प्यार हो गया। एक-दूसरे से मोहब्बत करने लगे। प्यार इस कदर बढ़ा की दोनों आपस में शादी करने की ठान ली। दोनों ने एक-दूसरे के साथ जीने मरने की कसमें खाई। 6 महीने पहले घर से भागकर राजकोट पहुंच गईं। राजकोट में दोनों लड़कियां एक कंपनी में काम करके अपना गुजरबसर करने लगी। दो महीने काम करने के बाद दोनों वहां से वापस घर आ गईं।
शादी करने की ठानी
दोनों युवतियों ने परिवार से समलैंगिक विवाह करने का बात कही। घर वालों ने नाराजगी जाहिर करते हुए मना कर दिया। इसके बाद दोनों युवतियां शादी के लिए राठ तहसील पहुंच गईं। वहां वकीलों ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर समलैंगिक विवाह कराने से मना कर दिया।
वकीलों ने शादी कराने से कर दिया मना
लड़कियों के विवाह करने की जानकारी होते ही तहसील परिसर में चर्चाएं होने लगी। युवती ने बताया वह दोनों एक साथ पति-पत्नी की तरह रहना चाहती हैं। दोनों में से एक के परिजन शादी के लिए राजी भी हैं। जब वकीलों ने दोनों लड़कियों की शादी करवाने से इंकार कर दिया तो दोनों ने बिना शादी किए साथ रहने की कसम खा कर वापस लौट गईं।










