गोड्डा: जिले के बसंतराय के मौलाना अबुल कलाम आजाद महाविघालय के प्राचार्य डॉ. नजीरुद्दीन हत्या का पुलिस ने उद्भेदन कर दिया है। मामले में शामिल दो पिता पुत्र समेत चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों का नाम मो. शाहाबान उर्फ शाबान (25) पिता रुस्तम अली, मो. रुस्तम अल (60) पिता अब्दुल अली, मो शाकिब (32) पिता रुस्तम अली और अमृत ठाकुर (25) पिता लालमोहन ठाकुर है। सभी आरोपी गोड्डा जिले के बसंतराय थाना क्षेत्र का रहने वाला है।
अन्य अपराधियों की तलाश में जुटी पुलिस
पुलिस के समक्ष सभी आरोपियों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। घटना में संलिप्त अन्य अपराधियों की तलाश में पुलिस छापेमारी में जुटी है। वहीं इससे पूर्व घटना में संलिप्त सात अपराधियों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
रुस्तम अली समेत 18 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी
प्राचार्य हत्याकांड में उनकी पत्नी फातमा खातून ने अपहरण के बाद ही हत्या की आशंका जताते हुए थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। रुस्तम अली समेत 18 लोगों के खिलाफ हत्या की नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई। मुख्य आरोपित मो. शाकिर उर्फ चुन्ना पूर्व प्राचार्य का ही पुत्र है। वह भी कालेज में व्याख्याता (लेक्चरर) के पद पर था, लेकिन वित्तीय अनियमितता के बाद उसे हटा दिया गया था।
क्यों हुई प्राचार्य नजीरुद्दीन की हत्या
बसंतराय के मौलाना अबुल कलाम आजाद इंटर कालेज में पूर्व प्राचार्य मो. रुस्तम अली और वर्तमान प्राचार्य डॉ. नजीरुद्दीन के बीच काफी दिनों से विवाद चल रहा था। हत्यारोपित मो. शाकिर उर्फ चुन्ना ने पुलिस के समक्ष कबूल भी कर लिया है कि कालेज विवाद में ही उन्होंने अपने चाचा सह प्राचार्य डॉ. नजीरुद्दीन की हत्या की है।
जानिए पूरा मामला
बता दें कि 8 जून को प्राचार्य डॉ. नजीररूद्दीर अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी से अपने चालक अमन पासवान के साथ प्रयोगशाला की सामग्री खरीदने भागलपुर गए थे। देर शाम लौटने के क्रम में कोरियाना चेकपोस्ट के निकट गेरुवा नदी पुल में पहले से ही घात लगाए बैठे नकाबपोश पांच अपराधियों ने हथियारों के बल पर प्राचार्य को अगवा कर लिया था। प्राचार्य के अपहरण की सूचना के बाद गोड्डा पुलिस की ओर से झारखंड, बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में पूरी रात छापेमारी की गई। दूसरे दिन महागामा के दियाजोरी के पास प्राचार्य का शव बरामद किया गया। अपराधियों ने प्राचार्य की गोली मारकर हत्या कर सड़क किनारे झाड़ियों में शव फेंक दिया था। सुबह ग्रामीणों ने शव देख कर शोर मचाया, इसके बाद प्राचार्य के शव की पहचान हुई।










