GST काउंसिल की हाल ही में हुई 54वीं बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के तहत वाणिज्यिक संपत्ति किराए पर अब रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (RCM) लागू किया जाएगा। इसका मतलब है कि अब वाणिज्यिक संपत्ति के किराए पर जीएसटी का भुगतान करने की जिम्मेदारी किरायेदारों पर होगी, न कि मकान मालिकों पर। यह कदम जीएसटी संग्रहण में सुधार और अनुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
इस नए नियम का सीधा असर उन व्यवसायों पर पड़ेगा जो वाणिज्यिक संपत्तियों को किराए पर लेते हैं। अब उन्हें जीएसटी का भुगतान सीधे सरकार को करना होगा, जिससे उनकी कर संबंधी जिम्मेदारियां बढ़ जाएंगी। हालांकि, इससे कर चोरी की संभावनाएं कम होंगी और सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा। किरायेदारों को अब अपने जीएसटी रिटर्न में इस भुगतान को शामिल करना होगा, जिससे उनकी कर प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।
भविष्य में, इस निर्णय से वाणिज्यिक संपत्ति किराए के बाजार में भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। मकान मालिकों को अब जीएसटी की चिंता नहीं करनी पड़ेगी, जिससे वे अपने किराए को अधिक प्रतिस्पर्धी बना सकते हैं। इसके अलावा, सरकार को भी अधिक कर राजस्व प्राप्त होगा, जिससे देश की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। कुल मिलाकर, यह कदम जीएसटी प्रणाली को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।