झारखंड में आज से गुटखा और पान मसाला की बिक्री पर प्रतिबंध लागू हो गया है, जिससे राज्य में कैंसर के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कैंसर दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान स्पष्ट किया कि गुटखा राज्य में कैंसर फैलने का प्रमुख कारण है और इससे युवाओं की जिंदगी बर्बाद हो रही है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने इस संदर्भ में अधिसूचना जारी की है, जिसमें गुटखा और पान मसाला बेचने पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है।
अधिसूचना के अनुसार, गुटखा और पान मसाला की बिक्री, निर्माण, स्टोरेज और वितरण पर एक साल के लिए बैन लगाया गया है। इस आदेश के तहत जर्दा (टोबैको) या निकोटिन युक्त गुटखा और पान मसाला बेचने पर कार्रवाई होगी। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट, 2006 के तहत यह बैन लगाया गया है। एसीएस-कम-फूड सेफ्टी कमीश्नर अजय कुमार सिंह ने आदेश जारी करते हुए निदेशक, पीआरडी को अखबारों के माध्यम से तीन दिनों तक नोटिफिकेशन को प्रकाशित कराने को कहा है ताकि आम जनता को इसके बारे में जानकारी हो सके।
आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड में ओरल कैंसर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसमें गुटखा का प्रमुख योगदान है। राज्य में एक लाख की आबादी पर करीब 70 लोग कैंसर से पीड़ित हैं, जिसमें 40-45 मरीज तंबाकू और गुटखा के कारण ओरल कैंसर से जूझ रहे हैं। इस प्रतिबंध का मुख्य उद्देश्य लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कैंसर के बढ़ते मामलों को रोकना और युवाओं की जिंदगी को सुरक्षित करना है।