🌟 मोबाइल का दुरुपयोग करने वाले बच्चों का भविष्य खतरे में 🌟
📍 मेदिनीनगर: आज आरपीएम शैक्षिक संस्था द्वारा संचालित ज्ञान मंदिर पब्लिक स्कूल का स्थापना दिवस नगर भवन में हर्षोल्लास और गरिमा के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के चेयरमैन प्रमोद सिंह ‘बबलू’ ने की तथा संचालन शशिकांत द्वारा हुआ।
मुझे मुख्य अतिथि के रूप में इस गरिमामयी अवसर पर उपस्थित होने का सौभाग्य मिला।
🎤 अपने संबोधन में मैंने कहा –
👉 मोबाइल का अनुचित उपयोग बच्चों को अंधकार की ओर धकेल रहा है।
👉 यदि बच्चे सकारात्मक सोच, अनुशासन और शिक्षा के मूल्य आत्मसात करें, तो वही उनके उज्ज्वल भविष्य की नींव बनेगा।
👉 जिस प्रकार एक शिल्पकार कठोर पत्थर को तराशकर सुंदर मूर्ति का रूप देता है, उसी प्रकार शिक्षक बच्चों को आदर्श और जिम्मेदार नागरिक बनाते हैं।
💡 मैंने यह भी साझा किया कि –
➡ समाज के विकास में हर वर्ग का समान योगदान अनिवार्य है।
➡ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही बच्चों के सर्वांगीण विकास और राष्ट्र की प्रगति का सशक्त आधार है।
➡ इस अवसर पर मैंने 2 सितम्बर 1994 को इस विद्यालय के संस्थापक स्व. राजेंद्र मिश्रा जी को श्रद्धांजलि अर्पित की और संस्था द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। बच्चों ने गणेश वंदना और मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सभी का हृदय जीत लिया। ✨
विद्यालय के प्राचार्य श्री विनोद कुमार मिश्रा ने अतिथियों का आत्मीय स्वागत किया और संस्था की उपलब्धियों का उल्लेख किया।
🍡इस आयोजन की सफलता मे अभिभावक ,दर्शक और शिक्षकों की उपस्थिति सराहनीय रही!
🙏 यहाँ अनुशासन में उपस्थित प्रत्येक अभिभावक, शिक्षक और छात्र- छात्राओं के उत्साह ने यह साबित कर दिया कि शिक्षा केवल ज्ञान का साधन नहीं, बल्कि चरित्र और समाज निर्माण की सशक्त कुंजी है।
✨ मेरा विश्वास है –
“शिक्षा से ही संस्कार आते हैं, और संस्कार से ही समाज का उज्ज्वल भविष्य बनता है।”
– नौशाद आलम
(DIG, Plamu)