भारत सरकार ने हाल ही में दो स्वदेशी परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण और 31 प्रीडेटर ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी है। यह निर्णय 9 अक्टूबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में लिया गया। इन परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण विशाखापत्तनम के शिप बिल्डिंग सेंटर में किया जाएगा, जिसमें भारतीय निजी क्षेत्र की भी महत्वपूर्ण भागीदारी होगी। इस परियोजना की लागत लगभग 40,000 करोड़ रुपये होगी। इसके अलावा, 31 प्रीडेटर ड्रोन की खरीद अमेरिका से की जाएगी, जिसकी कुल लागत लगभग 28,000 करोड़ रुपये है।
सरकार का कहना है कि इन परमाणु पनडुब्बियों और प्रीडेटर ड्रोन की खरीद से भारत की रक्षा क्षमताओं में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। यह कदम विशेष रूप से चीन की क्षेत्रीय गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए उठाया गया है। इन पनडुब्बियों और ड्रोन की मदद से भारत की खुफिया, निगरानी और रक्षा क्षमताओं में सुधार होगा। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय भारत की समुद्री और हवाई सुरक्षा को मजबूत करेगा और भारतीय नौसेना को और अधिक शक्तिशाली बनाएगा।
वर्तमान में, भारत दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली सैन्य शक्ति है। ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2024 के अनुसार, भारत की सैन्य शक्ति का पावर इंडेक्स स्कोर 0.1023 है। इस नई परियोजना की कुल लागत लगभग 68,000 करोड़ रुपये होगी, जिसे भारतीय करदाताओं द्वारा वहन किया जाएगा। करदाताओं का मानना है कि यह निवेश देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, लेकिन इसके साथ ही वे उम्मीद करते हैं कि सरकार इस धन का सही उपयोग करेगी और परियोजनाओं को समय पर पूरा करेगी।