भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्यता के प्रयास को हाल ही में एक बड़ा समर्थन मिला है। 26 सितंबर 2024 को, यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भारत के स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन जताया। इससे पहले, यूएस के राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी भारत के समर्थन में बयान दिए थे। इन नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र में अपने भाषणों में कहा कि UNSC को अधिक प्रतिनिधित्वकारी बनाने के लिए इसमें सुधार की आवश्यकता है।
सरकार ने इस समर्थन का स्वागत किया है और इसे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यह समर्थन भारत की अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा में योगदान को मान्यता देता है। उन्होंने यह भी कहा कि स्थायी सदस्यता मिलने से भारत को वैश्विक निर्णय लेने की प्रक्रिया में अधिक प्रभावी भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा। इससे भारत की वैश्विक स्थिति मजबूत होगी और उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अधिक सम्मान मिलेगा।
इस निर्णय के पीछे का मुख्य कारण यह है कि वर्तमान UNSC संरचना पुरानी हो चुकी है और यह वर्तमान वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती। भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अंतरराष्ट्रीय शांति अभियानों में महत्वपूर्ण योगदान देता है, को स्थायी सदस्यता मिलना न्यायसंगत है। जनता ने भी इस समर्थन का स्वागत किया है और इसे भारत के लिए एक गर्व का क्षण बताया है। इस कदम से भारत को वैश्विक मंच पर अपनी आवाज को और मजबूत करने का अवसर मिलेगा।










