झारखंड विधानसभा में शुक्रवार को उस समय असहज स्थिति उत्पन्न हो गई, जब स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने अपने ही सरकार के संसदीय कार्य मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू पर तंज कस दिया। मामला गोड्डा में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना से जुड़ा था, जिसे लेकर कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने तारांकित प्रश्न के जरिए सरकार से जवाब मांगा था। यादव ने पूछा कि गोड्डा में नर्सिंग कॉलेज कब तक बनकर तैयार होगा और वहां पढ़ाई कब शुरू होगी। इस पर इरफान अंसारी ने पहले तो व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “आप 5 बार के विधायक रहे हैं, फिर भी कॉलेज क्यों नहीं बना?” इसके बाद उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि गोड्डा के रहने वाले यादव को खुद ही इसकी जानकारी होगी। इस जवाब से सदन में हलचल मच गई।
- सोनू की नसीहत और बढ़ता विवाद
प्रदीप यादव के उत्तेजित होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन उनका हस्तक्षेप विवाद को और गहरा गया। सोनू ने सदन के सदस्यों को नसीहत देते हुए कहा कि सवाल और जवाब ऑब्जेक्टिव होने चाहिए, न कि कटाक्ष से भरे। उन्होंने यह तक कहा कि “सदन किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है,” जिससे माहौल और तीखा हो गया। अंसारी के व्यंग्य और सोनू की टिप्पणी के बीच सत्ता पक्ष के विधायकों में नोंकझोंक साफ दिखाई दी। इस बीच, प्रदीप यादव अपनी बात पर अड़े रहे और सरकार से स्पष्ट जवाब की मांग करते रहे। मामला गंभीर होता देख, अंसारी को स्थिति संभालनी पड़ी और उन्होंने आखिरकार ठोस जवाब दिया।
- 6 महीने का वादा और शांत हुआ तूफान
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने विवाद को शांत करने के लिए घोषणा की कि गोड्डा में नर्सिंग कॉलेज अगले 6 महीने के अंदर शुरू कर दिया जाएगा। इस ऐलान के बाद सत्ता पक्ष के विधायकों के बीच चल रही तनातनी कुछ हद तक थम गई। यह घटना न केवल सत्ता पक्ष के भीतर समन्वय की कमी को उजागर करती है, बल्कि विधानसभा में गंभीर मुद्दों पर चर्चा के दौरान व्यक्तिगत टिप्पणियों के इस्तेमाल पर भी सवाल उठाती है। प्रदीप यादव के सवाल ने जहां गोड्डा के विकास को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला, वहीं अंसारी और सोनू के बीच हुई यह बहस दिनभर चर्चा का विषय बनी रही। अब देखना यह है कि क्या सरकार अपने इस वादे को समय पर पूरा कर पाएगी।