झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए एक ऐतिहासिक और मानवीय फैसला लिया है। 23 जून 2025 को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो साझा करते हुए उन्होंने कहा, “मौत के बाद इंसानियत जिंदा रहनी चाहिए।” इस फैसले के तहत अब किसी भी मरीज की मृत्यु के बाद प्राइवेट अस्पताल बकाया बिल के कारण शव को रोक नहीं सकेंगे। इस निर्णय ने न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है, खासकर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए यह एक बड़ी राहत लेकर आया है। मंत्री अंसारी ने बताया कि कई बार आर्थिक तंगी के कारण परिवार अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार समय पर नहीं कर पाते थे, लेकिन अब यह संवेदनशील फैसला हर वर्ग को न्याय और सम्मान प्रदान करेगा।
डॉ. इरफान अंसारी ने इस फैसले को कांग्रेस की विचारधारा का प्रतिबिंब बताया, जो हमेशा पीड़ितों और जरूरतमंदों के साथ खड़ी रहती है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक सरकारी आदेश नहीं, बल्कि सेवा, संवेदना, और सहयोग की वह भावना है, जो कांग्रेस की ताकत है।” उन्होंने सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस आलाकमान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें दी गई जिम्मेदारी को वे राज्य के हर व्यक्ति तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाकर निभा रहे हैं। इस फैसले की सराहना करते हुए लोग इसे सच्ची मानवता और सहानुभूति का प्रतीक मान रहे हैं। मंत्री ने जोर देकर कहा कि मुसीबत के समय सहारा बनना ही सच्ची श्रद्धांजलि है, और यह निर्णय उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह फैसला झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। प्राइवेट अस्पतालों पर लगाम लगाने वाला यह कदम न केवल गरीब परिवारों के लिए आर्थिक और भावनात्मक राहत प्रदान करेगा, बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही को भी बढ़ावा देगा। सोशल मीडिया पर इस निर्णय की व्यापक प्रशंसा हो रही है, और लोग इसे कांग्रेस सरकार की जन-हितैषी नीतियों का उदाहरण बता रहे हैं।