झारखंड सरकार ने पोषण अभियान को नई ऊंचाई पर ले जाते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में आंगनबाड़ी सेविकाओं, महिला पर्यवेक्षिकाओं और हेल्पडेस्क को स्मार्टफोन वितरित किए। इस पहल के तहत, रांची और खूंटी जिलों से करीब 150 आंगनबाड़ी सेविकाएं इस डिजिटल उपकरण का लाभ पाने वाली पहली कड़ी हैं। स्मार्टफोन के माध्यम से सेविकाएं पोषण ट्रैकर एप और समर एप का उपयोग कर सकेंगी, जिससे कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं की पोषण स्थिति की निगरानी आसान होगी।
स्मार्टफोन के उपयोग से आंगनबाड़ी सेविकाएं कुपोषण को दूर करने में और अधिक सक्षम होंगी। पोषण ट्रैकर एप के जरिए वे हर दिन आंकड़े दर्ज कर सकेंगी और समर एप के माध्यम से गंभीर कुपोषित बच्चों (SAM और MAM) का पंजीकरण और आंकड़ों का डिजिटलीकरण करेंगी। महिला पर्यवेक्षिकाएं इन एप्स का इस्तेमाल करके अपने क्षेत्र में आंगनबाड़ी सेवाओं की निगरानी को अधिक प्रभावी बनाएंगी। इस पहल को झारखंड राज्य पोषण मिशन, समाज कल्याण निदेशालय, JSLPS और यूनिसेफ के संयुक्त प्रयास से लागू किया गया है।
यह तकनीकी पहल राज्य को कुपोषण मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे आंगनबाड़ी सेविकाओं की कार्यप्रणाली कागज रहित हो जाएगी और वास्तविक समय में डेटा की निगरानी संभव होगी। झारखंड सरकार का यह प्रयास न केवल कुपोषण को जड़ से खत्म करने का है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने का है कि हर लाभुक तक योजनाओं का लाभ पहुंचे।