झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने हाल ही में चुनाव आयोग को पत्र लिखकर दिसंबर के पहले सप्ताह में विधानसभा चुनाव कराने की मांग की है। JMM के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस पत्र में कहा है कि वर्तमान सरकार का कार्यकाल 29 दिसंबर 2019 को शुरू हुआ था, और दिसंबर के पहले सप्ताह में चुनाव कराने से सरकार को अपना पूरा कार्यकाल पूरा करने का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही, JMM ने चुनाव आयोग से यह भी आग्रह किया है कि सभी राजनीतिक दलों को समान प्रचार-प्रसार का अवसर मिलना चाहिए और चुनाव प्रचार में धर्म-जाति का नाम लेकर भाषण न हो।
सरकार की ओर से इस मांग पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर चुनाव दिसंबर में होते हैं, तो यह सत्तारूढ़ दल के लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों को जनता के सामने रखने का पूरा मौका मिलेगा। इसके अलावा, चुनाव आयोग को भी इस मांग पर विचार करना होगा कि क्या दिसंबर में चुनाव कराना संभव है या नहीं, क्योंकि इस समय मौसम और अन्य प्रशासनिक चुनौतियाँ भी हो सकती हैं।
जनता की प्रतिक्रिया भी इस मांग पर मिली-जुली रही है। कुछ लोगों का मानना है कि चुनाव समय पर होने चाहिए ताकि सरकार को अपना कार्यकाल पूरा करने का मौका मिले, जबकि अन्य लोग इस बात से चिंतित हैं कि दिसंबर में चुनाव कराने से ठंड के मौसम में मतदान प्रतिशत कम हो सकता है। इसके अलावा, कई लोग यह भी मानते हैं कि चुनाव आयोग को सभी राजनीतिक दलों की मांगों और सुझावों पर विचार करना चाहिए ताकि निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव हो सकें।