झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन से अलग होकर अकेले लड़ने का फैसला किया है। झामुमो नेता और कैबिनेट मंत्री सुदिव्य कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस ने सियासी साजिश रचकर झामुमो को सीटों से वंचित रखा। कुमार ने X पर वीडियो शेयर कर लिखा, “झामुमो ने हमेशा गठबंधन धर्म निभाया, लेकिन झारखंडी हितों का विश्वासघात हुआ. हम झारखंडी हितों की मजबूत आवाज हैं, इसे दबाने की कोशिश का प्रतिकार करेंगे.” उन्होंने 6 सीटों—चकाई, धमदाहा, कटोरिया, मनिहारी, जमुई, और पीरपैंती—पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया।

सुदिव्य कुमार ने कहा कि RJD और कांग्रेस ने झामुमो को चुनावी मंच से हटाने की कोशिश की, जो झारखंडी चेतना के प्रति असंवेदनशीलता है। उन्होंने झारखंड में भी कांग्रेस-RJD गठबंधन की समीक्षा करने और “अपमान” का करारा जवाब देने का वादा किया। झामुमो ने 11 नवंबर को दूसरे चरण में मतदान वाले इन सीटों पर नामांकन पत्र जमा करने की तैयारी पूरी कर ली है। कुमार ने कहा कि झामुमो झारखंड के आदिवासियों और लोगों की मजबूत आवाज है, और इसकी दमन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह फैसला महागठबंधन में दरार को और गहरा देगा।
झामुमो का यह कदम बिहार चुनावी परिदृश्य को बदल सकता है, जहाँ RJD, कांग्रेस, और अन्य सहयोगी सीट बंटवारे पर विफलता के बाद झामुमो को शामिल नहीं कर सके। सुदिव्य कुमार ने कहा कि झामुमो का फैसला झारखंडी हितों की रक्षा के लिए है, और यह पार्टी की ताकत को कमजोर नहीं करेगा। यह ऐलान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है, जो महागठबंधन की एकता पर सवाल खड़े करता है।










