हाल ही में अभिनेत्री और मंडी से सांसद कंगना रनौत ने कृषि कानूनों की पुनः स्थापना की बात कहकर विवाद खड़ा कर दिया था। उनके इस बयान से बीजेपी में नाराजगी फैल गई। कंगना ने कहा था कि तीन कृषि कानूनों को फिर से लागू किया जाना चाहिए, जो पहले किसानों के विरोध के बाद वापस ले लिए गए थे। इस बयान के बाद बीजेपी ने कंगना से दूरी बना ली और कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है और पार्टी की आधिकारिक राय नहीं है। इसके बाद कंगना ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए अपने शब्द वापस ले लिए।
कंगना ने अपने बयान पर माफी मांगते हुए कहा कि उनके विचार व्यक्तिगत थे और पार्टी की राय का प्रतिनिधित्व नहीं करते। उन्होंने कहा कि अब वह सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं, बल्कि एक राजनेता भी हैं और उन्हें अपने विचारों को पार्टी की राय के अनुसार रखना चाहिए। कंगना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णय का सम्मान करने की बात कही और कहा कि अगर उनके शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है, तो वह इसके लिए माफी मांगती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के हित में कानूनों को वापस लाना चाहिए, लेकिन यह प्रधानमंत्री का निर्णय है और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए।
इस विवाद के बाद, जनता की प्रतिक्रिया भी मिली-जुली रही। कुछ लोगों ने कंगना के बयान का समर्थन किया, जबकि अन्य ने उनकी आलोचना की। कांग्रेस ने कंगना के बयान को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि यह पार्टी की किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। वहीं, बीजेपी ने स्पष्ट किया कि कंगना को पार्टी की ओर से ऐसे बयान देने का अधिकार नहीं है। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर से कृषि कानूनों के मुद्दे को चर्चा में ला दिया है और यह दिखाया है कि यह विषय अभी भी संवेदनशील है।