भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को पत्र लिखकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी के खिलाफ कार्रवाई की अपील की है। उन्होंने नोमानी पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है। सोमैया ने अपने पत्र में लिखा कि मौलाना ने अपने भाषण में मुस्लिम समुदाय को धार्मिक कट्टरता के नाम पर भड़काया है और भाजपा को वोट देने वाले मुसलमानों के सामाजिक बहिष्कार का आह्वान किया है। यह भाषण सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हो रहा है। सोमैया ने चुनाव आयोग से मौलाना नोमानी के खिलाफ हेट स्पीच का आरोप लगाते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है।
चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप
किरिट सोमैया ने अपने पत्र में आगे लिखा कि मौलाना मुसलमानों से उन मुसलमानों का बहिष्कार करने के लिए कह रहे हैं जो भाजपा को वोट देते हैं। उन्होंने कहा कि मौलाना ने एक अन्य भाषण में मुसलमानों से वोट जिहाद की भी अपील की है। सोमैया ने उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया। बता दें कि किरिट सोमैया चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी की बात लगातार कर रहे हैं। उन्होंने 11 नवंबर को एक प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया था कि सिर्फ चार दिन में 125 करोड़ रुपये से अधिक रकम कुछ अकाउंट में जमा की गई। उन्होंने कुछ सबूतों के जरिए अपनी बात को स्पष्ट भी किया था।
बेनामी अकाउंट और वित्तीय अनियमितताएं
सोमैया ने कहा कि मालेगांव में सिराज अहमद और मोईन खान नाम के शख्स ने मिलकर दो दर्जन बेनामी अकाउंट एक कॉपरेटिव बैंक में खोले, जिसमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश समेत अलग-अलग राज्यों में मौजूद ब्रांचों से इन बेनामी अकाउंट में पैसे भेजे गए। चार दिन में 125 करोड़ रुपये से अधिक रकम इन अकाउंट में जमा की गई। इसके बाद सिराज अहमद और मोईन खान ने अलग-अलग 37 अकाउंट में वापस पैसे ट्रांसफर किए और फिर इसे निकाल भी लिया गया। कुल मिलाकर 2,500 बैंक ट्रांजेक्शन किए गए, जिसमें 125 करोड़ रुपये भेजे गए और इतने ही निकाल भी लिए गए। उलेमा बोर्ड ने आगामी विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी गठबंधन को समर्थन देने के लिए तैयार होने की बात कही है, लेकिन उसकी शर्त है कि जब महाविकास अघाड़ी सत्ता में आ जाए, तो उसकी मांगों को पूरा किया जाए। इस पर महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पत्र लिखकर कहा कि उसे ये सभी मांगें मान्य हैं। उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष नायब अंसारी ने इस पत्र को अपने सोशल मीडिया फेसबुक पर 31 अक्टूबर को सार्वजनिक किया था।