लातेहार जिले में 1 सितंबर 2025 को झारखंड पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने उग्रवाद के खिलाफ एक ऐतिहासिक सफलता हासिल की। प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (JJMP) के नौ शीर्ष कमांडरों, जिनमें जोनल कमांडर रविंद्र यादव और चार सब-जोनल कमांडर शामिल हैं, ने लातेहार पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया। इनमें से पांच नक्सलियों पर कुल 23 लाख रुपये का इनाम था, और इन्होंने एक AK-56, चार AK-47, तीन SLR, चार अन्य राइफल, 26 मैगजीन, और 1782 कारतूस के साथ आत्मसमर्पण किया। इस समारोह में CRPF के IG साकेत कुमार सिंह, IG ऑपरेशंस माइकल राज एस, पलामू रेंज के IG सुनील भास्कर, DIG नौशाद आलम, और लातेहार SP कुमार गौरव उपस्थित थे।


CRPF के IG साकेत कुमार सिंह ने इसे झारखंड के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में एक संगठन के उग्रवादियों का आत्मसमर्पण बताया और दावा किया कि इस कार्रवाई से लातेहार में JJMP का पूरी तरह सफाया हो गया है। आत्मसमर्पण करने वालों में रविंद्र यादव (14 मामले, 5 लाख इनाम), अखिलेश रविंद्र यादव (10 मामले, 5 लाख इनाम), बलदेव गंझू (9 मामले, 5 लाख इनाम), मुकेश राम यादव (21 मामले, 5 लाख इनाम), पवन उर्फ राम प्रसाद (3 मामले, 3 लाख इनाम), और चार एरिया कमांडर—ध्रुव, विजय यादव, श्रवण सिंह, और मुकेश गंझू शामिल हैं। यह आत्मसमर्पण झारखंड सरकार की ‘नई दिशा’ आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति और पुलिस के सतत अभियानों का परिणाम है, जिसने उग्रवादियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया।


लातेहार SP कुमार गौरव ने कहा कि यह आत्मसमर्पण JJMP के लिए अंतिम विकल्प था, क्योंकि पुलिस और सुरक्षा बलों के लगातार दबाव ने संगठन को कमजोर कर दिया है। उन्होंने शेष उग्रवादियों को आत्मसमर्पण करने या मुठभेड़ में मारे जाने की चेतावनी दी। जनवरी 2025 से अब तक लातेहार पुलिस ने 75 नक्सलियों को गिरफ्तार किया और कई बड़े अभियान चलाए, जिसमें मई 2024 में JJMP सुप्रीमो पप्पू लोहरा (10 लाख इनाम) और प्रभात गंझू (5 लाख इनाम) मारे गए।
