लोहरदगा : जिला के कुडु थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। जिससे सबकी नींद उड़ी हुई है। कुडु थाना क्षेत्र के नावाटोली स्थित रुद्र मखाटोली निवासी स्व. धनु उरांव के पुत्र कुरा उरांव का उनके परिजनों द्वारा दो महीने पहले अंतिम संस्कार कर दिया गया था। वो व्यक्ति अब जिंदा निकला, जिसकी चर्चा पूरे गांव में हो रही है।
चंदवा के एक होटल में काम करता है कुरा उरांव
लोगों का कहना है जब ये जिंदा है तो किसके शव को कुरा उरांव का शव बताकर दफना दिया गया। ये सवाल अब लोगों को परेशान कर रही है। जानकारी अनुसार कुरा उरांव के शव को परिजनों द्वारा नावातोली स्थित कब्रिस्तान में दफना दिया गया था। लेकिन दो महीनों के बाद कुरा उरांव अपने घर लौट आया। और उसने बताया कि वो चंदवा के एक होटल में काम करता है। उसे तो पता भी नहीं की परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार करते हुए किसी और के शव को उसके जगह दफना दिया गया है।
उठ रहे कई सवाल
सवाल ये उठता है की अगर कुरा उरांव जीवित है तो किसका शव दफनाया गया। लोगो का दबी जुबान से जमीन हड़पने को लेकर ये साजिश करने की बात कही जा रही है। लेकिन सारी सच्चाई पुलिसिया जांच में ही सामने आ सकती है की आखिर मामला है क्या? बताया जाता है की कुरा उरांव विकलांग है एवं दूसरे शहरों में जा कर होटलों में मजदूरी करता है। कुरा का घर भी नहीं है। उसका घर गिर चुका है।
कब्रिस्तान में किसके शव को दफना गया ?
ग्रामीणों के बीच चर्चा है की शव चंदवा थाना क्षेत्र के बरवाटोली जंगल में मिला था। जिसकी सूचना चंदवा थाना को दी गई थी। परिजनों ने शव को कुरा उरांव के रूप में पहचानी करते हुए शव को गांव लाकर अंतिम संस्कार करते हुए दफना दिया। अब सवाल उठ रहा है की आखिर जब कुरा उरांव जिंदा है तो किसके शव को कब्रिस्तान में दफना दिया गया। इस पूरे घटना पर उसके परिजन कुछ भी कहने से बच रहे है। इधर इस मामले पर कुडु थाना प्रभारी विश्वजीत कुमार सिंह ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है, चूंकि शव चंदवा थाना क्षेत्र में मिला है तो शायद वहां की पुलिस इस दिशा में कार्रवाई कर रही होगी। उन्होंने अपने स्तर से भी इस मामले को जांच कराने की बात कही।










