गढ़वा सदर अस्पताल के सभागार कक्ष में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (MDA 2025) को लेकर ब्लॉक स्तर के प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसमें सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार की अध्यक्षता में एमओआईसी, बीपीएम, बैम, एमटीएस, सीएचओ, बीटीटी, एसटीटी के प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। सिविल सर्जन ने कहा कि फाइलेरिया बीमारी से बचाव सिर्फ दवा खिलाकर ही संभव है। इसके लिए ड्रग एडमिनिस्ट्रेटिव की भूमिका अहम है। साथ ही सुपरवाइजर का सुपरवीजन इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सबसे महत्वपूर्ण है। जिला और ब्लॉक स्तर से बेहतर सुपरविजन के द्वारा ही हम एमडीए कार्यक्रम का 100% लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। पर्याप्त मात्रा में सभी जगह पर डीईसी, एलबेंडाजोल दवा और इससे संबंधित रजिस्टर मार्कर जैसी सामग्री उपलब्ध कराएं। रिफ्यूजुअल क्षेत्र की समस्या को निर्धारित समय में सुलझाकर दवा का सेवन जरूर कराएं। भीबीडी कंसल्टेंट अरविंद द्विवेदी और पिरामल फाउंडेशन के सीनियर प्रोग्राम लीड कामेश कुमार द्वारा एमडीए कार्यक्रम की गतिविधि पर विस्तार से चर्चा किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत 10 फरवरी को सहिया, आंगनबाड़ी सेविका द्वारा बूथ पर खिलाकर किया जाएगा। बूथ सीएचसी, पीएचसी, स्वास्थ्य उप केंद्र, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र और ज्यादा भीड़ वाली जगह को बनाया जाएगा है। 11 फरवरी से 25 फरवरी तक सहिया और सेविका द्वारा घर-घर जाकर दवा खिलाया जाएगा। इस दौरान 2 वर्ष से छोटे बच्चे, गर्भवती महिला और गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को छोड़कर सभी को दवा का सेवन जरूर करना है।
माइक्रोप्लान के अनुसार निर्धारित दिनांक पर ही दवा खिलाना है तथा हाउस मार्किंग सही तरीके से करना है। प्रशिक्षण प्राप्त चयनित ड्रग एडमिनिस्ट्रेटिव सहिया, आंगनबाड़ी सेविका ही दवा खिलाने का कार्य करेगी, फैमिली का कोई और सदस्य इस कार्य में शामिल नहीं हो सकता है। इस कार्यक्रम में ब्लॉक के सभी विभागों से सहयोग के लिए और पंचायत स्तर पर मुखिया से सहयोग के लिए ब्लॉक स्तर पर जल्द से जल्द बैठक आयोजित करने को कहा गया। निर्धारित समय में सुपरवाइजर, सहिया और आंगनबाड़ी सेविका का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की बात कही गई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार,भीबीडी कंसल्टेंट अरविंद द्विवेदी, जिले के सभी सीएचसी से एमओआईसी, बीपीएम, बैम, एमटीएस, सीएचओ, बीटीटी, एसटीटी और पिरामल टीम सहित 50 लोग मौजूद रहें।