- डीआईजी की पहल से हरकत में आया राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग, बाकी विभाग नदारद
- जिम्मेदार अफसर कागज़ी बैठकों में व्यस्त, हादसों से परेशान जनता
मेदिनीनगर: लगातार बारिश ने मेदिनीनगर की सड़कों को गड्ढों और जलजमाव का ऐसा जाल बना दिया है कि पैदल चलना भी जोखिम भरा हो गया है। आए दिन होने वाले हादसों और घायल होते लोगों के बावजूद जिला प्रशासन, नगर निगम और संबंधित इंजीनियरिंग विभाग ने मानो आंखें मूंद ली हैं।
जिन सड़कों की मरम्मत की जिम्मेदारी इन्हीं विभागों की थी, वहां पहल की पलामू रेंज के डीआईजी नौशाद आलम ने। उन्होंने खुद राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के इंजीनियर प्रदूत चटर्जी को मौके पर बुलाकर शहर की बदहाल सड़कें दिखाईं और तत्काल मरम्मत का आग्रह किया। चटर्जी ने मौके पर हामी भरते हुए कहा कि हम इसे जल्द बनवा देंगे। इसके बाद धरातल पर काम भी शुरू हो गया। यह कदम सराहनीय रहा, जबकि बाकी विभाग अब भी चुप्पी साधे हैं।
चटर्जी के दिशा-निर्देश के बाद शहरी क्षेत्र में सड़क मरम्मत का काम शुरू किया गया। इसके तुरंत बाद डीआईजी ने कार्य स्थल पर पहुंचकर इंजीनियरों और कर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए मिठाई और लड्डू भी बांटे।
उल्लेखनीय है कि रक्षाबंधन के दिन शहरी क्षेत्र में भ्रमण के दौरान डीआईजी ने जर्जर सड़कों की हालत देख चिंता जताई थी और स्पष्ट कहा था कि इन सड़कों को किसी न किसी रूप में जल्द दुरुस्त कराया जाएगा।
शहरवासियों का तंज है- “सड़कें नगर निगम की, मरम्मत पुलिस अफसर करा रहे हैं। तो फिर प्रशासन और नगर निगम का काम क्या है?”
डीआईजी की इस पहल से मरम्मत का रास्ता जरूर खुला है, लेकिन यह भी उजागर हो गया कि जिम्मेदार विभागों की सक्रियता केवल कागज़ी बैठकों और बयानबाज़ी तक सीमित है। अगर यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में जनता का गुस्सा सड़कों पर उतरना तय है।