20 सितंबर को बिहार के जमुई जिले के मिथलेश कुमार ने खुद को आईपीएस अधिकारी के रूप में प्रस्तुत किया और पुलिस स्टेशन में एक नकली बंदूक के साथ पहुंचा। उसने दावा किया कि एक व्यक्ति, मनोज सिंह, ने उसे ₹2 लाख लेकर आईपीएस अधिकारी बनाने का वादा किया था। मिथलेश ने बताया कि उसने अपने मामा से पैसे उधार लिए थे और मनोज सिंह ने उसे वर्दी पहनकर पुलिस स्टेशन जाने को कहा था। पुलिस ने उसकी कहानी पर विश्वास करते हुए उसे छोड़ दिया और मनोज सिंह की जांच शुरू की। इस बीच, मिथलेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और उसकी कहानी ने लोगों का ध्यान खींचा।
जांच के दौरान, पुलिस ने पाया कि मिथलेश की कहानी पूरी तरह से झूठी थी। उसके मामा ने पैसे देने की बात से इनकार किया और पुलिस ने मनोज सिंह नाम के किसी भी व्यक्ति को खोजने की कोशिश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसके अलावा, मनोज सिंह का मोबाइल नंबर भी बंद पाया गया और किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर पंजीकृत था। पुलिस ने यह भी पाया कि मिथलेश ने खुद ही वर्दी खरीदी थी और उसने अपनी कहानी गढ़ी थी। इस खुलासे के बाद, मिथलेश की सच्चाई सामने आई और उसकी फर्जी कहानी का पर्दाफाश हुआ।
मिथलेश की कहानी ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी और उसे कई कार्यक्रमों में आमंत्रित किया गया। यहां तक कि उसके ऊपर एक भोजपुरी गाना भी बना, जिसमें उसने खुद अभिनय किया। जनता ने इस घटना पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं दीं; कुछ ने उसे सहानुभूति दी, जबकि अन्य ने उसकी आलोचना की। पुलिस ने अब मिथलेश के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और उसकी गतिविधियों की गहन जांच कर रही है। इस घटना ने समाज में फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी के प्रति जागरूकता बढ़ाई है और पुलिस की सतर्कता को भी उजागर किया है।