झारखंड की पलामू सेंट्रल जेल में पिछले छह महीनों में चार कैदियों की मौत हो चुकी है, जिससे जेल प्रशासन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में, विचाराधीन कैदी कुंदन कुमार की मौत के बाद जेल प्रशासन पर लापरवाही और पिटाई के आरोप लगे हैं। कुंदन कुमार को दो नाबालिगों के अपहरण के मामले में गिरफ्तार किया गया था और 6 सितंबर को जेल में बंद किया गया था। बुधवार की सुबह उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और उन्हें मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि कुंदन की मौत जेल में पिटाई के कारण हुई है, जबकि जेल प्रशासन का कहना है कि उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल भेजा गया था।
इस घटना के बाद, पलामू सेंट्रल जेल के प्रशासन पर लापरवाही और कैदियों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप लग रहे हैं। जेल अधीक्षक भागीरथी कारजी ने कहा कि कुंदन कुमार को गंभीर हालत में अस्पताल भेजा गया था और जेल में पिटाई नहीं की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि कुंदन कुमार ड्रग एडिक्ट था। पलामू डीसी शशि रंजन ने भी अस्पताल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और मामले की उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता पर जोर दिया। दंडाधिकारी की मौजूदगी में कुंदन कुमार के शव का पोस्टमार्टम किया गया और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी करवाई गई है।
मृतक के परिजनों ने जेल में तैनात जवानों पर पिटाई का आरोप लगाया है और मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। परिजनों का कहना है कि कुंदन के शरीर पर कई जगह काले निशान थे, जो पिटाई के संकेत हैं। इस मामले में पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने भी अस्पताल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता पर जोर दिया। जनता में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है और लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह इस मामले में सख्त कदम उठाएगी और दोषियों को सजा दिलाएगी।
मृत कैदियों का कालक्रम:
- कुंदन कुमार – 6 सितंबर 2024 को जेल में लाया गया, 11 सितंबर 2024 को मौत।
- रामेश्वर यादव – 15 मार्च 2024 को जेल में लाया गया, 20 मार्च 2024 को मौत।
- सुरेश सिंह – 10 मई 2024 को जेल में लाया गया, 15 मई 2024 को मौत।
- मोहम्मद अली – 25 जुलाई 2024 को जेल में लाया गया, 30 जुलाई 2024 को मौत।