- मनातू मुठभेड़ के बाद पुलिस की बड़ी कामयाबी : 5 लाख का इनामी नक्सली ढेर, एक और पर इनाम की तैयारी
पलामू : बीते 3 सितंबर को पलामू के मनातू थाना क्षेत्र में पुलिस और प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति समिति (टीएसपीसी) के बीच हुई मुठभेड़ में दो जवान शहीद हुए थे, जबकि एक जवान घायल हो गया था।
घटना के बाद से ही पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने इलाके में नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया था। पलामू पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों — जोनल आईजी सुनील भास्कर और पलामू रेंज के डीआईजी नौशाद आलम — ने झारखंड जगुआर और कोबरा बटालियन के अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखी थी।
इसी रणनीति का परिणाम रविवार को देखने को मिला, जब पलामू पुलिस और जगुआर टीम एवम कोबरा बटालियन की टीम ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकर 5 लाख के इनामी नक्सली मुखदेव यादव को manatu ps ke jangal area mein मुठभेड़ में मार गिराया।डीआईजी आलम ने बताया कि यह नक्सल उन्मूलन अभियान में बड़ी सफलता है।
उन्होंने खुलासा किया कि प्रतिबंधित संगठन टीएसपीसी के फरार सब-जोनल कमांडर उमेश सिंह खेरवार उर्फ नगीना जी उर्फ डॉक्टर जी पर भी 5 लाख का इनाम घोषित करने की अनुशंसा की गई है। यह नक्सली गढ़वा जिला अंतर्गत डंडई थाना क्षेत्र के ग्राम झलंगी का निवासी है और लंबे समय से संगठन में सक्रिय है।
डीआईजी ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि जिस प्रकार झारखंड जन मुक्ति परिषद (JJMP) के सभी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और उनके सुप्रीमो पप्पू लोहरा का खात्मा हुआ, उसी तरह टीएसपीसी के 10 लाख का इनामी शशिकांत गंझू और अन्य नक्सली भी 31 मार्च 2026 से पहले आत्मसमर्पण कर दे, अन्यथा उनका भी वही अंजाम होगा जो आज मुखदेव यादव का हुआ और पूर्व में पाप्पू लोहरा का हुआ था।
डीआईजी नौशाद आलम ने नक्सलियों को संदेश दिया पुलिस की गोली खाने से बेहतर है कि आत्मसमर्पण नीति के तहत सरेंडर कर घर-परिवार के साथ खुशहाल जीवन जिएं।