भारत की प्रमुख डिजिटल भुगतान कंपनी पेटीएम (Paytm) एक गंभीर कानूनी चुनौती का सामना कर रही है। कंपनी को फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के उल्लंघन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) से एक कारण बताओ नोटिस प्राप्त हुआ है। यह मामला 2015 से 2019 के बीच हुई 611 करोड़ रुपए की ट्रांजैक्शन्स से जुड़ा है। मिली जानकारी के अनुसार, यह नोटिस खास तौर पर उन लेन-देन से संबंधित है, जो पेटीएम ने विभिन्न कंपनियों के साथ किए थे। इनमें से 345 करोड़ रुपए का लेन-देन पेटीएम की सहायक कंपनी लिटिल इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड से है।
इसके अलावा, 21 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन पेटीएम के अन्य अधिग्रहण, नियरबाय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित है। जबकि बाकी राशि पेटीएम की पेरेंट कंपनी One97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड से जुड़ी है। यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पेटीएम ने 2017 में लिटिल इंटरनेट और नियरबाय इंडिया का अधिग्रहण किया था। पेटीएम का कहना है कि ये कंपनियां उस समय One97 कम्युनिकेशंस की सहायक कंपनियां नहीं थीं, और उल्लंघन भी उसी वक्त हुआ था। लेकिन ईडी ने इन ट्रांजैक्शन्स को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं, जिसके बाद पेटीएम को नोटिस जारी किया गया है।
वहीं, इस मामले पर पेटीएम ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और स्पष्ट किया है कि उन्हें 28 फरवरी 2025 को यह नोटिस प्राप्त हुआ है। लेकिन इस नोटिस का कंपनी की सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है। पेटीएम का कहना है कि वे इस मामले को सुलझाने के लिए काम कर रहे हैं। पेटीएम के मुताबिक, यह तकनीकी उल्लंघन है जिसे जल्द ही हल कर लिया जाएगा। कंपनी की इस स्थिति में आने के बावजूद, पेटीएम अपने ग्राहकों को भरोसा दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।