चेन्नई : देश में जहरीली शराब के सेवन से होने वाली मौतों का सिलसिला जारी है। बिहार, यूपी समेत उत्तर भारत के अन्य राज्यों की तरह अब दक्षिणी राज्य तमिलनाडु भी इसने कहर बरपाया है।
राज्य में बीते तीन दिन के अंदर 14 लोगों की मौत हुई है, जिन्होंने इसका सेवन किया था। इसके अलावा करीब 51 लोग विभिन्न अस्पतालों में जीवन और मौत के बीच संघर्ष कह रहे हैं। इस घटना में प्रभावित परिवार बेहद गरीब और पिछड़े तबके से आते हैं।
10 पुलिस अफसरों पर कार्रवाई
जहरीली शराबकांड को लेकर तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। विपक्ष ने सरकारी की लापरवाही को इसके पीछे जिम्मेदार ठहराया है। इस मामले में राज्य सरकार ने कड़ा एक्शन लेते हुए 10 पुलिस अफसरों पर कार्रवाई की है। जिनमें एक एसपी और दो डीएसपी रैंक के अधिकारी हैं। राज्य सरकार की ओर से पीड़ितों को मुआवजा देने का ऐलान भी किया गया है।
तमिलनाडु के 2 जिलों में जहरीली शराब कांड
तमिलनाडु के दो जिलों में विलुप्पुरम और चेंगलपट्टू में जहरीली शराब का सेवन करने वाले लोगों की मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विलुप्पुरम में 9 और चेंगलपट्टू में 5 लोगों ने अब तक जान गंवाई है। इसके अलावा 51 लोग 43 अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। इस मामले में सीएम स्टालिन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए विलुप्पुरम जिले के एसपी को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, चेंगलपट्टू के पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया गया है।
मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख का मुआवजा देने का ऐलान
सीएम एमके स्टालिन सोमवार को विलुप्पुरम पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। यहां उन्होंने जिला अस्पताल का भी दौरा किया, जहां लोगों का इलाज चल रहा है। इस दौरान उन्होंने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रूपये का मुआवजा देने का ऐलान किया। वहीं, इलाज करा रहे मरीजों के परिजनों को 50-50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
विपक्ष के निशाने पर स्टालिन सरकार
जहरीली शराबकांड को लेकर स्टालिन सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। एआईएडीएमके, बीजेपी और पीएमके ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष ईपीएस पलानीसामी ने मुख्यमंत्री स्टालिन का इस्तीफा मांगा है। वहीं, पीएमके ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी की मांग की है।









