दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा को हिंसा प्रभावित संभल जाने से रोका गया। कांग्रेस सांसद किरण कुमार चामला ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “लोकतंत्र में जब भी देश में कोई घटना होती है, तो विपक्ष के नेता को वहां पहुंचकर तथ्यों का पता लगाना चाहिए। संसद की चार दीवारों के बीच हमें नहीं पता चलता कि संभल में क्या हुआ। हमारे विपक्ष के नेता ने वहां पहुंचने की कोशिश की और तथ्यों का पता लगाने की कोशिश की। राज्य सरकार ने उन्हें वहां पहुंचने नहीं दिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पारदर्शिता नहीं है। वे देश की धर्मनिरपेक्षता को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।”
घटना का विवरण
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को संभल जाने से रोकने की घटना ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस का आरोप है कि राज्य सरकार ने जानबूझकर उन्हें वहां जाने से रोका ताकि वे हिंसा प्रभावित क्षेत्र का दौरा न कर सकें और वहां की वास्तविक स्थिति का पता न लगा सकें। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह कदम राज्य सरकार की पारदर्शिता की कमी को दर्शाता है और यह लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ है।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस सांसद किरण कुमार चामला ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता का कर्तव्य है कि वे देश में कहीं भी घटना होने पर वहां पहुंचकर वास्तविकता का पता लगाएं। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वे पारदर्शिता की कमी के कारण राहुल गांधी को संभल जाने से रोक रहे हैं। कांग्रेस ने इस घटना को लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बताया है और राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना की है।