6 नवंबर 2025 को बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में BJP के पूर्व राज्यसभा सांसद और RSS विचारक प्रो. राकेश कुमार सिन्हा पर दिल्ली और बिहार दोनों जगह वोट डालने का गंभीर आरोप लगा। विपक्षी दलों ने AAP नेता सौरभ भारद्वाज और कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनाते ने सोशल मीडिया पर उनकी फरवरी 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनाव (द्वारका) से वोटिंग की तस्वीर और 6 नवंबर को बेगूसराय के पैतृक गांव मनसेरपुर (साहेबपुर कमाल विधानसभा) से मतदान की पोस्ट शेयर कर ‘वोट चोरी’ का सबूत बताया। भारद्वाज ने कहा, “Rakesh Sinha ने दिल्ली चुनाव में वोट डाला और आज बिहार में फिर डाला—यह चोरी का खुला सबूत है!”

सिन्हा ने सफाई देते हुए कहा कि उनका नाम दिल्ली से हटाकर बिहार में दर्ज कराया गया था, और यह आरोप ‘झूठा’ है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “राजनीति इतनी हल्की हो सकती है, इसका अंदाजा नहीं था। संविधान में आस्था रखने वालों पर सवाल उठाने वाले सोच लें।” विपक्ष ने EC पर सवाल उठाए कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के बावजूद डुप्लीकेट एंट्री कैसे बची? RJD और कांग्रेस ने इसे ‘BJP का चोरी मॉडल’ करार दिया। सिन्हा ने AAP-कांग्रेस पर मानहानि का मुकदमा करने की धमकी दी।

यह विवाद बिहार चुनाव में ‘वोट चोरी’ के आरोपों को और गरमा रहा है, जहाँ पहले चरण में 64% से ज्यादा टर्नआउट हुआ। विपक्ष ने EC से तत्काल जांच की मांग की, जबकि BJP ने इसे राजनीतिक साजिश बताया। सिन्हा, जो दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हैं, ने कहा कि वे बिहार के गांव से वोट डालने के लिए विशेष रूप से आए थे। यह मामला EC की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर रहा है, और चुनावी बहस को नया मोड़ दे सकता है।










