रामगढ़ के पारे बस्ती स्थित गढ़बांध इंटर कॉलेज परिसर में बालू माफियाओं द्वारा दामोदर नदी से अवैध रूप से बालू का स्टॉक किया जा रहा था, जिसे 3500-4000 रुपये प्रति ट्रैक्टर की दर से बेचा जा रहा था। इस गैरकानूनी गतिविधि का खुलासा 3 जून 2025 को तब हुआ, जब रामगढ़ के पत्रकारों की एक टीम पूजा के लिए गढ़बांध पहुंची और अवैध बालू भंडारण को देखा। पत्रकारों ने तत्काल इसकी सूचना रामगढ़ थाना प्रभारी पीके सिंह और जिला खनन विभाग को दी। यह घटना न केवल बालू माफियाओं की बेखौफ गतिविधियों को उजागर करती है, बल्कि स्थानीय प्रशासन की शुरुआती निष्क्रियता पर भी सवाल उठाती है।

सूचना दिए जाने के बावजूद 6 दिनों तक न तो थाना प्रभारी पीके सिंह और न ही खनन विभाग ने कोई कार्रवाई की, जिससे स्थानीय लोगों और पत्रकारों में नाराजगी बढ़ी। इसके बाद, पत्रकारों ने दोबारा इस मामले को रामगढ़ के उपायुक्त फैज अक अहमद मुमताज के समक्ष उठाया। उपायुक्त ने त्वरित संज्ञान लेते हुए खनन विभाग को अवैध बालू स्टॉक के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके परिणामस्वरूप, खनन विभाग ने जेसीबी और ट्रैक्टरों के साथ गढ़बांध इंटर कॉलेज परिसर में अवैध बालू स्टॉक को हटाने की प्रक्रिया शुरू की, जिससे बालू माफियाओं में हड़कंप मच गया।

खनन विभाग के इंस्पेक्टर राहुल कुमार के नेतृत्व में अवैध बालू स्टॉक को हटाने की कार्रवाई शुरू की गई, जो जिला प्रशासन की सख्ती का संदेश देती है। यह कार्रवाई न केवल गढ़बांध क्षेत्र में अवैध खनन पर लगाम लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि जनता और पत्रकारों की सक्रियता प्रशासन को त्वरित कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकती है। हालांकि, शुरुआती देरी ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
-रिपोर्टर: कुमार मिश्रा










