रामगढ़, झारखंड: सोमवार को रामगढ़ जिला समाहरणालय सभागार में पतरातु विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) और छाई डैम से प्रभावित विस्थापित ग्रामीणों के बीच एक त्रिपक्षीय वार्ता-सह-बैठक का आयोजन हुआ। इसकी अध्यक्षता उपायुक्त चंदन कुमार ने की, जिसमें हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल, बड़कागांव विधायक रोशन लाल चौधरी, और जिला प्रशासन के प्रमुख अधिकारी शामिल थे। बैठक में पीवीयूएनएल के अधिकारियों और 24 प्रभावित गांवों के प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया। चर्चा का मुख्य उद्देश्य विस्थापितों को भूमि मुआवजा, रोजगार, और अन्य वाजिब हक दिलाने के साथ-साथ प्लांट के सुचारू संचालन के लिए समन्वय स्थापित करना था। हालांकि, घंटों की वार्ता के बावजूद कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकल सका।

बैठक में पीवीयूएनएल और ग्रामीणों के बीच मुआवजा और रोजगार जैसे मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। सांसद मनीष जायसवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि विस्थापन का दर्द गहरा है, और इसे समझकर ही समाधान निकाला जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा, “लोगों का दमन करके उपक्रम नहीं चलाया जा सकता। विस्थापन के घाव पर मरहम लगाकर ही विकास संभव है।” जायसवाल ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता कर विवाद का हल निकालने की कोशिश की जा रही है, और उम्मीद है कि कंपनी और ग्रामीण आपसी सहमति से समाधान तक पहुंचेंगे। पीवीयूएनएल से ग्रामीणों को रोजगार के लिए लिखित आश्वासन देने और ग्रामीणों से अपने हक के लिए उचित तरीके से संघर्ष जारी रखने का आग्रह किया गया।
इस त्रिपक्षीय वार्ता में पुलिस अधीक्षक अजय कुमार, अपर अनुमंडल पदाधिकारी अनुराग तिवारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी गौरव तिवारी, सांसद प्रतिनिधि राजीव जायसवाल, पीवीयूएनएल सांसद प्रतिनिधि राधेश्याम अग्रवाल, जिला परिषद सदस्य राजाराम प्रजापति, मुखिया किशोर कुमार महतो, और विस्थापित मोर्चा के आदित्य नारायण प्रसाद, कुमेल उरांव, राजा राम प्रसाद, खुशबू देवी, योगेंद्र यादव, झरी मुंडा, अनुज प्रसाद, सुरेश साहू, भरत साव सहित कई ग्रामीण उपस्थित थे। यह वार्ता रामगढ़ में पीवीयूएनएल के 4000 मेगावाट पावर प्लांट के संचालन और विस्थापितों के हितों के बीच संतुलन स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी, हालांकि अभी पूर्ण समाधान की राह बाकी है।
-रिपोर्टर: अमन कुमार मिश्रा










