रामगढ़ के राधा गोविंद विश्वविद्यालय में आंतरिक शिकायत समिति (ICC) द्वारा 26 जुलाई 2025 को “POSH: Prevention of Sexual Harassment at Workplace” विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम और जागरूकता को बढ़ावा देना था। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बी.एन. साह ने अपने संबोधन में कहा कि यौन उत्पीड़न न केवल पीड़ित की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि संस्था के कार्य वातावरण को भी प्रभावित करता है। उन्होंने इस तरह की कार्यशालाओं को सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। संस्था सचिव प्रियंका कुमारी ने जोर देकर कहा कि विश्वविद्यालय का दायित्व है कि हर विद्यार्थी और कर्मचारी एक सुरक्षित और समान अवसर वाले माहौल में कार्य करे।

कार्यशाला की अध्यक्षता आंतरिक शिकायत समिति की कॉर्डिनेटर डॉ. पूनम ने की, जिन्होंने POSH अधिनियम के कानूनी प्रावधानों, शिकायत प्रक्रिया, और समिति की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। विधि विशेषज्ञ महेंद्र मंडल ने तकनीकी दृष्टिकोण से POSH कानून की बारीकियों को समझाया, जबकि मनोविज्ञान विशेषज्ञ डॉ. भारती ने यौन उत्पीड़न के मानसिक दुष्प्रभावों और पीड़ितों के लिए मानसिक सहयोग तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया। विशेष वक्ता डॉ. वी.के. पांडे ने बताया कि POSH कानून सभी के लिए है, न कि केवल महिलाओं के लिए, और यह हर प्रकार के उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करता है। कार्यशाला का संचालन सहायक प्राध्यापक डॉ. ममता ने गरिमामय और प्रभावशाली ढंग से किया, जिसने कार्यक्रम को और आकर्षक बनाया।
इस आयोजन में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. डॉ. निर्मल कुमार मंडल, परीक्षा नियंत्रक प्रो. डॉ. अशोक कुमार, प्रबंध समिति सदस्य अजय कुमार, विभिन्न विभागों के व्याख्याता, और छात्र-छात्राएं शामिल हुए। यह कार्यशाला न केवल यौन उत्पीड़न के खिलाफ जागरूकता फैलाने में सफल रही, बल्कि विश्वविद्यालय के सुरक्षित और समावेशी वातावरण को मजबूत करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।
-रिपोर्टर: कुमार मिश्रा