रामगढ़ जिले में यौन शोषण के आरोपी आफताब अंसारी के मामले ने नया मोड़ ले लिया है, जब हिंदू जागरण मंच के जिला अध्यक्ष राजेश सिन्हा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी के विरोध में बड़कागांव के भाजपा विधायक रोशन लाल चौधरी और उनके समर्थकों ने भुरकुंडा थाना परिसर में धरना शुरू कर दिया, जिसमें राजेश सिन्हा की तत्काल रिहाई की मांग की गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहन को रोककर अपना विरोध दर्ज किया और दावा किया कि राजेश सिन्हा इस मामले में पूरी तरह निर्दोष हैं। उनका कहना है कि कपड़ा व्यापारी शमीम अंसारी ने नेहा सिंह नामक महिला को ढाल बनाकर राजेश सिन्हा पर झूठा मामला दर्ज करवाया, जबकि शमीम अंसारी भी यौन शोषण के मामले में आरोपी है।

आफताब अंसारी, जो यौन शोषण के आरोप में पुलिस हिरासत में था, ने रामगढ़ थाने से फरार होने की घटना ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए। इस लापरवाही के लिए बोकारो रेंज के आईजी क्रांति कुमार गडिदेशी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रामगढ़ थाना प्रभारी और इनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में जाने जाने वाले इंस्पेक्टर पीके सिंह सहित दो अन्य सहायक पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। पुलिस का दावा है कि आफताब ने हिरासत से भागने के दौरान दामोदर नदी में छलांग लगाई, जिसके बाद उसका शव रजरप्पा थाना क्षेत्र से बरामद हुआ। इस घटना ने न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए, बल्कि सामुदायिक तनाव को भी बढ़ा दिया।
इस मामले ने रामगढ़ में राजनीतिक और सामुदायिक स्तर पर तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं। विधायक रोशन लाल चौधरी ने झारखंड सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए राजेश सिन्हा की गिरफ्तारी को अवैध बताया और शमीम अंसारी की गिरफ्तारी की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हिंदू टाइगर फोर्स के कुछ सदस्यों ने आफताब की मारपीट की थी, और पुलिस को पहले उन लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए थी। इस बीच, सीसीटीवी फुटेज की जांच के जरिए पुलिस इस मामले की गहराई से छानबीन कर रही है।
रिपोर्टर: कुमार मिश्रा