रामगढ़: उपचुनाव में आजसू प्रत्याशी सुनीता चौधरी ने 21970 वोटों से शानदार जीत हासिल कर ली है. और महज तीन वर्षों के अंदर ये सीट फिर से आजसू के खाते में लौट आई. कांग्रेस प्रत्याशी बजरंग महतो सिंपैथी वोट नहीं जुटा सके. सत्तापक्ष की तरफ से सीएम हेमंत सोरेन के तूफानी दौरों और गठबंधन से प्रचारकों की लंबी फौज का भी फायदा इनहें नहीं मिला. वहीं 2019 में अलग-अलग चुनावी मैदान में कूदने वाली बीजेपी-आजसू की जोड़ी के साथ आने पर क्या कुछ बदल सकता है, रामगढ़ में ये भी दिख गया. पहले राउंड से ही कांग्रेस प्रत्याशी बजरंग महतो पर आजसू की सुनीता चौधरी भारी नजर आईं, राउंड दर राउंड ईवीएम खुलते गए और उनकी वोटों की बढ़त बढ़ती गई. छठे राउंड की गिनती के बाद ही उनकी लीड 30 हजार के पार कर गई थी और जीत सामने दिख रही थी. मतगणना केंद्र के बाहर आजसू और एनडीए कार्यकर्ताओं ने जश्न भी मनान शुरु कर दिया.
इधर आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो ने रामगढ़ की जीत को जनता की जीत और सीएम हेमंत सोरेन की हार बताया है. उन्होंने कहा कि जनता इनके तीन वर्षों के कार्यकाल से तंग आ चुकी है और मौका मिलते ही बदलाव की बयार बहनी शुरु हो गई है. आगामी चुनाव में सूबे में सत्ता परिवर्तन निश्चित है. क्योंकि इस सरकार के झूठे वादे और दावों पर जनता को भरोसा नहीं रहा.